Paytm के बाद किसकी बारी? फिनटेक सेक्टर को लेकर जारी रहेगी RBI की सख्ती, वित्त मंत्रालय का भी है पूरा समर्थन
पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ हुई कार्रवाई को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि भारतीय रिजर्व बैंक किसी भी तरह की ढील देने के मूड में नहीं है। हालांकि केंद्रीय बैंक ने पेटीएम को 15 दिनों की राहत जरूर दी है लेकिन साथ ही उसने जरूरी एसओपी भी जारी की है। पिछले कुछ सालों में आरबीआई कुछ बैड़े बैंक के खिलाफ की कार्रवाई कर चुका है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। तकनीक की आड़ में वित्तीय सुरक्षा संबंधी नियमों की अनदेखी करने वाली फिनटेक कंपनियों पर नकेल कसेगी ही साथ ही पेटीएम पेमेंट बैंक की तरह कुछ दूसरे पेमेंट बैंकों पर भी कार्रवाई होने की संभावना है। बैंकिंग सेक्टर से जुड़ी फिनेटक कंपनियों समेत दूसरे अन्य सभी वित्तीय कंपनियों पर आरबाआई की तरफ से लगाई जा रही लगाम को वित्त मंत्रालय की तरफ से भी पूरा समर्थन है।
छह सहकारी बैंकों के खिलाफ हुई कार्रवाई
आरबीआई की हाल की गतिविधियों को देखा जाए तो यह साफ हो जाता है कि वह फिनटेक के लिए अलावा सहकारी बैंकों और गैर बैंकिग वित्तीय कंपनियो (एनबीएफसी) के क्षेत्र में भी अपने नियमों को लेकर बहुत ही एक्टिव है। पिछले एक हफ्ते के दौरान छह सहकारी बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और एक एनबीएफसी का लाइसेंस रद्द किया है जबकि नौ एनबीएफसी ने अपने आप ही लाइसेंस वापस कर दिए है।
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अतीत में दिग्गज बैंकों पर भी हो चुकी है सख्ती
इसके पहले नवंबर, 2023 में आरबीआइ ने पर्सनल व कंज्यूमर लोन बांटने वाले एनबीएफसी के लिए जोखिम भारिता (वितरित लोन के मुकाबले आरक्षित राशि) का अनुपात 100 फीसद से बढ़ा कर 125 फीसद कर दिया है। इसके पहले देखें तो आरबीआइ विगत दो-तीन वर्षों में एचडीएफसी बैंक, यस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे दिग्गज बड़े बैंकों की डिजिटल बैंकिंग गतिविधियों को लेकर सख्ती दिखा चुका है।
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