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    कौन हैं बाबासाहेब नीलकंठ कल्याणी, मिलिट्री स्कूल से निकलकर बने बिजनेसमैन, कारगिल जंग से मिली कंपनी को पहचान

    Updated: Fri, 18 Jul 2025 01:41 PM (IST)

    Baba Kalyani Success Story बाबासाहेब कल्याणी भारत उद्योग जगत में एक बड़ा नाम है। खासकर ऑटो और डिफेंस सेक्टर में बाबा कल्याणी की लीडरशिप में उनकी कंपनी भारत फोर्ज ने बड़ा नाम कमाया है। 60 साल पुराने कल्याणी ग्रुप के बिजनेस को लगातार उन्होंने देश और दुनिया में नई पहचान दिलाई है।

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    बाबासाहेब नीलकंठ कल्याणी, भारत फोर्ज कंपनी के पूर्व चेयरमैन रह चुके हैं।

    नई दिल्ली। पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरी दुनिया ने भारत के स्वदेशी हथियारों की मारक क्षमता को देखा और दंग रह गई। 3 दिन तक चले इस सैन्य संघर्ष ने भारतीय डिफेंस कंपनियों को एक नई पहचान दिलाई। लेकिन, क्या आप जानते हैं साल 1999 में कारगिल युद्ध के समय डिफेंस और ऑटो सेक्टर की एक कंपनी ने इमरजेंसी में सेना को तोप के लिए गोला बारूद मुहैया कराया था।

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    यह बाबा कल्याणी ग्रुप की कंपनी, 'भारत फोर्ज' (Kalyani Group Company Bharat Forge) है। इस कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर रह चुके बाबासाहेब नीलकंठ कल्याणी (Baba Saheb Neelkanth Kalyani), देश के नामी बिजनेसमैन हैं। कल्याणी समूह की यह प्रमुख कंपनी दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी फोर्जिंग निर्माता कंपनी है। साल 1966 में बाबासाहेब कल्याणी के पिता ने इस कंपनी की नींव रखी थी। आइये आपको बताते हैं करीब 60 साल पुरानी इस कंपनी का इतिहास और बाबा कल्याणी की कामयाबी के बारे में...

    कब हुई कल्याणी ग्रुप की शुरुआत

    बाबासाहेब नीलकंठ कल्याणी के पिता ने 1966 में भारत फोर्ज कंपनी की स्थापना की थी। यह कंपनी ऑटो पार्ट्स बनाने के लिए प्रसिद्ध है और भारत समेत दुनिया के अन्य देशों में अपना सामान सप्लाई करती है। इसके अलावा, यह कंपनी डिफेंस, एयरोस्पेस और ऑयल व गैस सेक्टर के लिए भी अहम सामान तैयार करती है।

    मिलिट्री स्कूल से MIT पढ़ने पहुंचे

    भारत में मिलिट्री स्कूल और फिर अमेरिका में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से पढ़ाई के बाद बाबासाहेब कल्याणी ने साल 1972 में अपने पिता की कंपनी भारत फोर्ज को ज्वाइन किया। इस दौरान उन्होंने कंपनी को लगातार नए मुकाम तक पहुंचाया।

    उन्होंने 1997 से 2022 तक भारत फोर्ज चेयरमैन और एमडी के रूप में कामय किया. बाबासाहेब कल्याणी की लीडरशिप में भारत फोर्ज, ऑटोमोबाइल, एयरोस्पेस, और ऑयल व गैस सेक्टर जैसे उद्योगों के लिए अहम सामानों का निर्माण करने वाली एक प्रमुख कंपनी बन गई।

    कारगिल का किस्सा और बाबासाहेब कल्याणी

    साल 1999 में कारगिल युद्ध के समय भारतीय सेना के पास गोला-बारूद की अचानक कमी आ गई थी। उस समय रक्षा मंत्रालय से भारत फोर्ज को बोफोर्स 155 मिमी हॉवित्जर तोपों के लिए 1,00,000 गोले बनाने का इमरजेंसी में ऑर्डर मिला।

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    इसके बाद बेहद कम समय में हाई-क्वालिटी इम्युनिशन सप्लाई करके कंपनी के तौर पर भारत फोर्ज अपनी क्षमता का परिचय दिया। इसके बाद बाबासाहेब कल्याणी की अगुवाई में कंपनी ने लगातार अपने डिफेंस बिजनेस का विस्तार किया।

    व्यापार और उद्योग सेक्टर में अपने योगदान के लिए बाबासाहेब कल्याणी को नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। फोर्ब्स के अनुसार, बाबा कल्याणी की नेटवर्थ 4.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (35000 करोड़ से ज्यादा) है।