ये हैं भारत के टॉप 10 सबसे ज्यादा तांबे का प्रोडक्शन करने वाले, हर घर कूलर-पंखे में इसका यूज
भारत का तांबा उद्योग 2025 में तेजी से बढ़ रहा है। हिंडाल्को इंडस्ट्रीज और अदाणी एंटरप्राइजेज सबसे बड़े (copper producing companies) उत्पादक हैं जिनकी क्षमता 5 लाख टन प्रति वर्ष है। हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड भी एक महत्वपूर्ण सरकारी कंपनी है। स्टरलाइट कॉपर (वेदांता) फिलहाल बंद है। अन्य शीर्ष कंपनियों में झगड़िया कॉपर निसान कॉपर राजेश कॉपर माधव कॉपर मेहता ट्यूब्स और प्रिसीजन वायर्स इंडिया शामिल हैं।

नई दिल्ली। क्या आप भारत में सबसे ज्यादा तांबे का उत्पादन (Copper Production) करने वाली कंपनियों के बारे में जानते हैं। तांबा का उपयोग इलेक्ट्रिक पंखे, कूलर और कई तरह की वायरिंग में होता है। इसके अलावा कंस्ट्रक्शन, इंडस्ट्रियल मशीनरी में भी इसका खूब इस्तेमाल होता है।
ऐसे में यदि आप इसका प्रोडक्शन (largest copper producing company) करने वाली कंपनियों के बारे में नहीं जानते तो आज जान लीजिए।
भारत का तांबा उद्योग 2025 में तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। चालू वित्त वर्ष में परिष्कृत (refined) तांबा उत्पादन लगभग 8.2 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2024-25 की तुलना में करीब 13.2% अधिक है।
देश में यह उद्योग मुख्य रूप से स्मेल्टिंग, रिफाइनिंग और डाउनस्ट्रीम मैन्युफैक्चरिंग पर केंद्रित है। बड़ी प्रायमरी कंपनियां इसका नेतृत्व करती हैं, लेकिन तांबा उत्पादन का दायरा खनन से लेकर तार, रॉड और मिश्र धातु जैसे उत्पादों के निर्माण तक फैला हुआ है।
सबसे बड़े प्रायमरी प्रोडक्शन में हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (बिड़ला कॉपर) और अदाणी एंटरप्राइजेज (कच्छ कॉपर) शामिल हैं, जिनकी क्षमता 5 लाख टन प्रति वर्ष है। इनके अलावा हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) करीब 68,500 टन उत्पादन करता है, जबकि स्टरलाइट कॉपर (वेदांता) 2018 से बंद पड़ा है और अभी उत्पादन नहीं कर रहा।
टॉप 10 तांबा कंपनियों के बारे में
1. हिंडाल्को इंडस्ट्रीज
भारत की टॉप 10 तांबा कंपनियों में 2025 में सबसे आगे हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड (बिड़ला कॉपर) है। इसकी स्थापना 1958 में हुई थी और जिसका हेडक्वार्टर मुंबई में है। दहेज, गुजरात स्थित इसका स्मेल्टर विश्व का सबसे बड़ा स्मेल्टर है, जो भारत की लगभग आधी मांग पूरी करता है।
इसकी वार्षिक क्षमता 5,00,000 टन है और 2025 में उत्पादन लगभग 4.5 से 5 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है।
2. अदाणी एंटरप्राइजेज (कच्छ कॉपर) आता
इसके बाद अदाणी एंटरप्राइजेज (कच्छ कॉपर) आता है, जिसने 2023 में संचालन शुरू किया। अहमदाबाद स्थित यह कंपनी मुंद्रा, गुजरात में ग्रीनफील्ड स्मेल्टर चला रही है और LME-ग्रेड तांबा बनाने का लक्ष्य रखती है। इसकी क्षमता भी 5,00,000 टन है, जबकि 2025 में वास्तविक उत्पादन करीब 2 से 3 लाख टन तक रह सकता है।
3. हिंदुस्तान कॉपर
तीसरे स्थान पर हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) है, जिसकी स्थापना 1967 में हुई थी और हेडक्वार्टर कोलकाता में है। यह भारत की एकमात्र सरकारी एकीकृत कंपनी है, जो खनन से लेकर रिफाइनिंग तक कार्य करती है। इसकी परिष्कृत तांबे की क्षमता 68,500 टन है और FY 2025-26 में खनन उत्पादन 4.35 मिलियन टन अयस्क तक पहुँचने की उम्मीद है।
4. स्टरलाइट कॉपर (वेदांता लिमिटेड)
चौथे स्थान पर स्टरलाइट कॉपर (वेदांता लिमिटेड) है, जिसकी स्थापना 1996 में हुई थी और संयंत्र तूतीकोरिन, तमिलनाडु में है। हालांकि इसकी क्षमता 4,00,000 टन है, लेकिन 2018 से यह बंद पड़ा है और फिलहाल उत्पादन शून्य है।
5. झगड़िया कॉपर
पाँचवें नंबर पर झगड़िया कॉपर लिमिटेड है, जिसकी स्थापना 1997 में हुई थी और यह झगड़िया, गुजरात में स्थित है। यह कंपनी रीसाइक्लिंग और सेकेंडरी उत्पादन में अग्रणी है और इसकी क्षमता लगभग 1,32,000 टन है।
6. निसान कॉपर
इसके बाद निसान कॉपर लिमिटेड आती है, जिसकी स्थापना 1989 में हुई थी और हेडक्वार्टर अहमदाबाद में है। यह कंपनी तांबे की ट्यूब, पाइप और फिटिंग का निर्माण करती है तथा निर्यात पर ज़ोर देती है। इसकी क्षमता 50,000 से 70,000 टन है।
7. राजेश कॉपर
सातवें स्थान पर राजेश कॉपर प्रा. लि. है, जिसकी स्थापना 1986 में हुई थी और हेडक्वार्टर मुंबई में है। यह कंपनी तांबे की तार, स्ट्रिप, रॉड और बसबार बनाती है और इसकी क्षमता 40,000 से 60,000 टन है।
8.माधव कॉपर
आठवें नंबर पर माधव कॉपर लिमिटेड है, जिसकी स्थापना 2012 में हुई थी और हेडक्वार्टर भावनगर, गुजरात में है। यह कंपनी उच्च संवाहकता वाले तार और कंडक्टर बनाती है और EV व नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करती है। इसकी क्षमता 30,000 से 50,000 टन है।
9. मेहता ट्यूब्स
नौवें स्थान पर मेहता ट्यूब्स लिमिटेड है, जिसकी स्थापना 1988 में हुई थी और यह उमरगांव, गुजरात में स्थित है। यह कंपनी ट्यूब, रॉड और मिश्र धातु उत्पाद बनाती है तथा HVAC और औद्योगिक क्षेत्रों को आपूर्ति करती है। इसकी क्षमता 25,000 से 40,000 टन है।
10. प्रिसीजन वायर्स इंडिया
अंत में, दसवें स्थान पर प्रिसीजन वायर्स इंडिया लिमिटेड है, जिसकी स्थापना 1989 में हुई थी और हेडक्वार्टर मुंबई में है। यह भारत की सबसे बड़ी एनामेल्ड वाइंडिंग वायर निर्माता है और ट्रांसफॉर्मर व मोटर उद्योग की प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। इसकी क्षमता 20,000 से 30,000 टन है।
नोट: यह कैपेसिटी डेटा सरकारी रिपोर्टों, इंडस्ट्री एनालिस और सितंबर 2025 तक की कंपनी के जारी किए गए नतीजों के डेटा से ली गई हैं। कच्चे माल की उपलब्धता और उत्पादन में बढ़ोतरी के कारण वास्तविक उत्पादन में उतार-चढ़ाव हो सकता है। हिंदुस्तान कॉपर और वेदांता जैसी कंपनियां NSE/NSE में लिस्टेड कंपनयों में से एक हैं।
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