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    GST Rate Cut से दुकान पर कब आएंगे कम MRP लिखे हुए तेल-साबुन-बिस्किट-चॉकलेट? 22 सितंबर से दाम घटेंगे या नहीं

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 02:07 PM (IST)

    जीएसटी सुधारों (GST Reforms) के बाद एफएमसीजी कंपनियों को पुराने एमआरपी वाले स्टॉक को लेकर चिंता है। नई दरें लागू होने के बाद गोदामों-दुकानों में पड़े सामान को लेकर वे सरकार से दिशानिर्देश चाहती हैं। उद्योग जगत को उम्मीद है कि सरकार पुराने एमआरपी वाले स्टॉक को छूट के साथ बेचने की अनुमति देगी क्योंकि नई दरों से कीमतों में गिरावट से निपटने में समय लग सकता है।

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    22 सितंबर से लागू होंगी नई जीएसटी दरें

    नई दिल्ली। रोजमर्रा के इस्तेमाल का सामान बनाने वाली कंपनियां मौजूदा जीएसटी सिस्टम (GST Reforms) के तहत पहले से छपे हुए MRP वाले स्टॉक को लेकर असमंजस में हैं। उन्हें देश भर में अपने गोदामों और रिटेल दुकानों में पड़े अपने भंडार से निपटने के लिए सरकार से जीएसटी कार्यान्वयन दिशानिर्देशों का इंतजार है।

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    उद्योग जगत का मानना है कि दैनिक उपयोग के सामान (FMCG) पर कम शुल्क वाली नई जीएसटी व्यवस्था लागू होने से खपत बढ़ेगी। हालांकि, मौजूदा टैक्स व्यवस्था के तहत उपलब्ध स्टॉक के कारण इससे ‘शॉर्ट टर्म में रुकावट’ पैदा होगी। उद्योग को उम्मीद है कि सरकार उन्हें 22 सितंबर से जीएसटी सुधारों के लागू होने के बावजूद पुराने एमआरपी वाले मौजूदा स्टॉक को 'छूट के साथ बेचने' की अनुमति देगी।

    क्या है FMCG कंपनियों की टेंशन

    इमामी के उपाध्यक्ष और एमडी हर्षवर्धन अग्रवाल के अनुसार फिलहाल, हर कोई इस बात का मूल्यांकन कर रहा है कि क्या किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, हम इस मामले में सरकार से वेरिफिकेशन प्राप्त करने का भी प्रयास कर रहे हैं। निश्चित रूप से, हम यह भी देखेंगे कि एमआरपी में बदलावों से हम कितनी जल्दी निपट सकते हैं।’’

    कुछ एफएमसीजी कंपनियों द्वारा कीमतों में गिरावट से निपटने के लिए सरकार से और समय मांगने के बारे में पूछे जाने पर, उद्योग मंडल FICCI चेयरमैन की भूमिका निभा रहे अग्रवाल ने कहा कि यह उत्पाद-दर-उत्पाद और स्टॉक स्तर पर निर्भर करेगा।

    उन्होंने कहा, ‘‘चुनौतियां अलग-अलग कंपनियों के लिए अलग-अलग हो सकती हैं। इस समय, हम मौजूदा माहौल और चुनौतियों का मूल्यांकन कर रहे हैं ताकि एक इससे निपटने की योजना तैयार की जा सके।’’

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    कब से मिलेंगे कम MRP वाले प्रोडक्ट्स

    गोदरेज कंज्यूमर के एमडी और सीईओ सुधीर सीतापति ने कहा कि उपभोक्ताओं को अगले महीने की शुरुआत या मध्य तक ही कम कीमतों पर एफएमसीजी उत्पाद मिलेंगे, क्योंकि नए एमआरपी के साथ सामान बाजार में पहुंचने में समय लगता है।

    सीतापति ने कहा कि एफएमसीजी पर जीएसटी की दर घटाकर पांच प्रतिशत करने से उद्योग में ‘कुछ शॉर्ट टर्म बाधा’ पैदा हो गई हैं। इसकी वजह यह है कि एफएमसीजी क्षेत्र एमआरपी व्यवस्था पर चलता है और डिस्ट्रिब्यूटर्स और कंपनियों के पास अधिक एमआरपी वाले स्टॉक मौजूद हैं।

    उन्होंने कहा, ‘‘वितरकों और एफएमसीजी कंपनियों के पास जो स्टॉक है, वह अधिक एमआरपी वाला है। सीधे व्यवसायों को पैसे देने से उपभोक्ताओं तक लाभ तुरंत नहीं पहुंच पाता है। नए एमआरपी वाले उत्पादों के बाजार तक पहुंचने में थोड़ा समय लगेगा।’’

    नई दरें लागू में अधिक समय लगेगा?

    माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। हालांकि, सीतापति ने संकेत दिया कि इसे लागू होने में अधिक समय लग सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले महीने की शुरुआत या मध्य तक उपभोक्ताओं को एफएमसीजी उत्पादों की कीमतों में गिरावट दिखने लगेगी।

    पारले प्रोडक्ट्स के उपाध्यक्ष मयंक शाह ने कहा कि एफएमसीजी उद्योग कार्यान्वयन दिशानिर्देशों का इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इंडस्ट्री बॉडी पहले से ही सरकार के साथ बातचीत कर रही हैं। जो दिशानिर्देश दिए जाते हैं, उसके आधार पर हमें या तो तुरंत कदम उठाना होगा या कुछ समय दिया जा सकता है।’’

    'नहीं करेंगे MRP में बदलाव'

    मौजूदा स्टॉक के बारे में, शाह ने कहा कि अलग-अलग कंपनियों के सामने अलग-अलग चुनौतियां हैं। जैसे पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स के मुकाबले फूड प्रोडक्ट्स की मियाद कम होती है। लेकिन उनकी बिक्री की गति ज्यादा होती है। हर कंपनी के लिए चुनौतियां अलग-अलग होती हैं। बहुत कुछ आने वाले दिशानिर्देशों पर निर्भर करेगा।

    वी-मार्ट ने कहा है कि वह मौजूदा स्टॉक के उत्पाद लेबल पर एमआरपी में कोई बदलाव नहीं करेगी। हालांकि, वह उपभोक्ताओं को अंतिम बिल पर छूट जरूर देगी। वी-मार्ट रिटेल के अध्यक्ष और एमडी ललित अग्रवाल ने कहा, ‘‘सरकार द्वारा जीएसटी में की गई कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को दिए जाने वाले अंतिम बिल पर छूट के रूप में मिलेगा।’’

    400 वस्तुओं पर टैक्स रेट हुई कम 

    जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी के चार स्लैब की जगह दो स्लैब करने का फैसला किया। अब टैक्स की दरें पांच और 18 प्रतिशत होंगी जबकि विलासिता एवं सिगरेट जैसी नुकसानदेह वस्तुओं पर 40 प्रतिशत की विशेष दर लागू होगी।

    सिगरेट, तंबाकू और अन्य संबंधित वस्तुओं को छोड़कर नई कर दरें 22 सितंबर से प्रभावी हो जाएंगी। टैक्स रेट को युक्तिसंगत बनाए जाने के तहत टेलीविजन और एयर कंडीशनर जैसे उपभोक्ता वस्तुओं के अलावा खानपान और रोजमर्रा के कई सामान समेत करीब 400 वस्तुओं पर दरें कम की गयी हैं।