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    FPI और FII क्या होता है? दोनों में क्या है अंतर, किन वित्तीय उपकरणों में करते हैं निवेश, जानिए पूरी डिटेल

    By Gaurav KumarEdited By: Gaurav Kumar
    Updated: Sat, 09 Sep 2023 05:00 PM (IST)

    FPI and FII Differences विदेशी निवेश में एफपीआई और एफआईआई दोनों ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब बात विदेशी निवेश की होती है तो विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बात जरूर होती है। कई लोग इन दोनों को एक ही समझ लेते हैं हालांकि ऐसा नहीं है। चलिए जानते हैं दोनों का मतलब क्या है और दोनों में क्या अंतर है।

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    दोनों ही विदेशी निवेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: जब भी बाजार में विदेशी इंवेस्टमेंट की बात आती है तो विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और विदेशी संस्थागत निवेश (एफआईआई) का जिक्र जरूर होता है।

    दोनों ही विदेशी निवेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शेयर मार्केट की खबर में आपने भी सुना या पढ़ा होगा की कल बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक या विदेशी संस्थागत निवेश बाजार में खरीदार थे जिन्होंने बाजार में फलां करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

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    चलिए आज हम आपको एफपीआई और एफआईआई क्या होता है यह बताते हैं साथ ही यह भी जानेंगे की दोनों में क्या अंतर होता है।

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    क्या होता है एफपीआई?

    एफपीआई का पूरा नाम विदेशी पोर्टफोलियो निवेश होता है और जो निवेशक इसे करता है उसे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक कहा जाता है। किसी विदेशी राष्ट्र की वित्तीय परिसंपत्तियों में निवेश, जैसे किसी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड स्टॉक या बॉन्ड, को विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) के रूप में जाना जाता है।

    विदेशी पोर्टफोलियो निवेश मतलब, विदेशी व्यक्तियों, संस्थागत निवेशकों या फंड द्वारा वित्तीय उपकरणों में किए गए निवेश। इन उपकरणों में स्टॉक, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड, सरकारी प्रतिभूतियां और अन्य शामिल होते हैं।

    एफपीआई निवेशक कम समय में ज्यादा रिटर्न कमाने के लिए निवेश करते हैं इसलिए इन निवेशकों की मैच्योरिटी कम होती है।

    क्या होता है एफआईआई

    एफआईआई का पूरा नाम विदेशी संस्थागत निवेश है। यह एफपीआई की एक एक सब कैटेगरी है। एफआईआई

    म्यूचुअल फंड, पेंशन फंड, बीमा कंपनियों और हेज फंड में निवेश करते हैं स्टॉक में नहीं। इसके अलावा संस्थागत निवेशक, निवेश के लिए कई स्रोतों से पैसा इकट्ठा करते हैं।

    व्यक्तिगत एफपीआई निवेशकों की तुलना में एफआईआई बाजारों में ज्यादा एक्टिव रहते हैं। वे निवेश से पहले पूरा अनुसंधान, विश्लेषण और उचित परिश्रम करते हैं।

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    दोनों में क्या है अंतर?

    एफपीआई और एफआईआई के बीच मुख्य अंतर उनका नियामक ढांचा है। एफपीआई की रेजिस्ट्रेशन प्रक्रिया कम कठिन है और नियामक निरीक्षण के अधीन है।

    वहीं एफपीआई निवेशकों के लिए प्रवेश और निकास बाधाएं कम हैं। इससे एफपीआई के पूंजी प्रवाह में अधिक लचीलापन आता है। इसलिए, वे कई बाजारों में खोज और निवेश कर सकते हैं। एफपीआई की तुलना में एफआईआई बाजार में लॉन्गटर्म के लिए पैसा लगाते हैं।