इन चीजों के लिए भारत पर निर्भर है रूस, क्या-क्या है खरीदता? लिस्ट में कीमती चीजें शामिल
भारत और रूस के बीच लंबे समय से मजबूत रिश्ते हैं, जिनका असर व्यापार पर दिखता है। वित्तीय वर्ष 2025 में, दोनों देशों के बीच 68.72 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ...और पढ़ें

रूस और भारत के बीच होता है काफी कारोबार
नई दिल्ली। रूस और भारत (India Russia Relations) के बीच लंबे समय से मजबूत रिश्ते रहे हैं। इन गहरे रिश्तों का असर दोनों देशों के बीच होने वाले कारोबार पर देखने को मिलता है। अक्टूबर 2000 में “डिकलेरेशन ऑन इंडिया-रूस स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप” पर साइन होने के बाद से, दोनों देशों के रिश्तों में खास गर्माहट देखी गयी है। दोनों देशों के बीच लगभग सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है।
राजनीति और सुरक्षा से अलग भारत-रूस के बीच कारोबार भी खूब परवान चढ़ा है। आइए जानते हैं कि भारत रूस को क्या-क्या बेचता है।
कुल कितना कारोबार
FY25 के दौरान भारत और रूस (India-Russia Trade) के बीच बाइलेटरल ट्रेड US$ 68.72 बिलियन (करीब सवा 6 लाख करोड़ रुपये) रहा। इसमें भारत का एक्सपोर्ट US$ 4.88 बिलियन (44094 करोड़ रुपये) रहा, जबकि रूस से इंपोर्ट US$ 63.84 बिलियन (करीब पौने 6 लाख करोड़ रुपये) रहा। भारत के अधिक आयात में बड़ा फैक्टर रूसी तेल है।
भारत ने क्या-क्या बेचा
FY25 में रूस को भारत का एक्सपोर्ट US$ 4.88 बिलियन (44094 करोड़ रुपये) रहा। इस दौरान भारत ने रूस को 3,700 कमोडिटीज भेजीं। FY25 के दौरान भारत से रूस को एक्सपोर्ट की जाने वाली मुख्य चीजों में इंजीनियरिंग सामान (US$ 1.26 बिलियन), इलेक्ट्रॉनिक सामान (US$ 862.48 मिलियन), ड्रग फॉर्मूलेशन (US$ 577.22 मिलियन), ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक केमिकल (US$ 545 मिलियन) और अन्य चीजें (US$ 248.40 मिलियन) शामिल रहीं।
रूस से क्या-क्या आया भारत
FY25 में रूस से भारत में इम्पोर्ट US$ 63.84 बिलियन (करीब पौने 6 लाख करोड़ रुपये) रहा। भारत ने रूस से 700 कमोडिटीज आयात कीं। FY25 के दौरान रूस से भारत आने वाली चीजों में पेट्रोलियम क्रूड (US$ 56.8 बिलियन) प्रमुख रहा। इसके बाद फर्टिलाइजर प्रोडक्ट्स (US$ 1.84 बिलियन), जानवरों या सब्जियों का फैट और तेल (US$ 2.39 बिलियन), मोती, कीमती और अर्ध-कीमती पत्थर (US$ 433.93 मिलियन) वगैरह शामिल हैं।
भारत आ रहे हैं पुतिन
आज गुरुवार शाम को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत में लैंड करेंगे। उनके भारत दौरे पर जिन खास चीजों पर चर्चा होने की उम्मीद है, उनमें और S-400 एयर डिफेंस सिस्टम शामिल हैं। क्रेमलिन के स्पोक्सपर्सन दिमित्री पेसकोव ने कहा है कि भारत की खरीदारी "थोड़े समय के लिए" कम हो सकती है, हालांकि रूस सप्लाई बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।
एनर्जी सिक्योरिटी पर खास तौर पर बात हो सकती है, जिसमें रूसी कच्चे तेल के भारतीय इंपोर्ट पर अमेरिकी प्रतिबंध का असर एक सेंट्रल टॉपिक होने की उम्मीद है। प्रेसिडेंट पुतिन का दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत-US रिश्तों को कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।

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