Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Vodafone Idea एजीआर केस में सरकार का पहला आधिकारिक बयान, क्या कंपनी को मिलेगी राहत? सिंधिया ने दिया ये जवाब

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 05:09 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट से एजीआर केस में वोडाफोन आइडिया को राहत मिलने के बाद केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य ने कहा कि हमें इस बारे में ज्यादा बेहतर तरीके से समझने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन करना होगा और सरकार कोई भी नीतिगत निर्णय लेने से पहले इसके प्रभावों का आकलन करेगी।

    Hero Image

    वोडाफोन आइडिया मामले को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन करेगी।

    नई दिल्ली। AGR बकाया के मुद्दे पर वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea AGR Case) को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत के बाद अब नजरें सरकार के फैसले पर टिक गई हैं। इस बीच केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि सरकार को वोडाफोन आइडिया, एडजेस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) मामले में अभी तक सुप्रीम कोर्ट का लिखित आदेश नहीं मिला है और वह कोई भी नीतिगत निर्णय लेने से पहले इसके प्रभावों का आकलन करेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    27 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार विभाग (DoT) को वोडाफोन आइडिया से अपनी AGR डिमांड का पुनर्मूल्यांकन करने और कानूनी दखलअंदाजी के बिना कंपनी की शिकायतों का समाधान करने की अनुमति दे दी। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि राहत पर कोई भी निर्णय नीतिगत मामला है।

    टेलिकॉम मिनिस्टर ने क्या कहा?

    केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य ने कहा, "हमें इस बारे में ज्यादा बेहतर तरीके से समझने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन करना होगा और वोडाफोन आइडिया द्वारा राहत के लिए आवेदन करने का इंतजार करना होगा।"

    मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार वोडाफोन आइडिया के लिए संभावित राहत उपायों पर सुप्रीम कोर्ट के विस्तृत आदेश की जांच के बाद ही फैसला करेगा। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "कोर्ट के फैसले की बारीकियों का अध्ययन करने के बाद ही हम आगे की कार्यवाही के लिए बढ़ेंगे।" उन्होंने आगे कहा कि इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के लिखित आदेश का अभी इंतज़ार है।

    किस प्रकार की राहत चाहती है कंपनी?

    एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अदालत द्वारा निर्देश जारी होने के बाद, टेलिकॉम ऑपरेटर को औपचारिक रूप से बताना होगा कि वह किस प्रकार की राहत चाहता है। अधिकारी ने आगे कहा, "किसी भी राहत की सीमा आंतरिक विचार-विमर्श और अदालत के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगी।"

    ये भी पढ़ें- Lenskart के शेयरों की बढ़ती डिमांड, पहले 90 तो अब 100 करोड़, IPO से पहले SBI फंड ने कर डाली इतनी बड़ी खरीदारी

    बता दें कि घाटे में चल रही इस दूरसंचार कंपनी में वर्तमान में सरकार की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 27 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कंपनी के शेयरों में 9 फीसदी तक की तेजी आ गई थी और यह 10 रुपये के पार चले गए थे। हालांकि, 29 अक्टूबर को एक फीसदी की गिरावट के साथ 9.36 रुपये पर बंद हुए हैं।