अमेरिका पर 37 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज, फिर भारत को धौंस क्यों दिखा रहे ट्रंप; क्या टैरिफ से चुकाएंगे लोन?
Trump Tariff US Debt link अमेरिका के टैरिफ की चर्चा के बीच कर्ज को लेकर ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने एक नई रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्तमान में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के ऊपर कितना कर्ज है। ये कर्ज इतना है कि चीन जर्मनी भारत और जापान की जीडीपी को जोड़ दिया जाए तो भी कम है।

नई दिल्ली। Trump Tariff US Debt link: अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसकी इकॉनमी 30 ट्रिलियन डॉलर है। लेकिन कर्ज इससे कहीं अधिक। अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने कर्ज को लेकर रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार इस समय अमेरिका के ऊपर 37 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज (US national debt) है। अगर इसे भारतीय रुपये में बदलेंगे तो यह करीब 3236 लाख करोड़ रुपये होगा।
हर अमेरिकन पर है लगभग 1 करोड़ रुपये का कर्ज
इस रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के हर नागरिक के ऊपर करीब 1 लाख डॉलर का कर्ज है। भारतीय रुपये में यह 87 लाख से अधिक है। कर्ज में डूबे अमेरिका को बाहर निकालने के बजाए डोनाल्ड ट्रंप दूसरे देशों पर टैरिफ लगाकर उन्हें धौंस दिखा रहा हैं।
कैसे बढ़ता है किसी देश पर कर्ज
कर्ज बढ़ने का सीधा सा फंड है कि अगर आप अपनी कमाई से अधिक खर्च करेंगे तो यह आपके ऊपर देनदारी बढ़ती जाएगी। मान लीजिए अमेरिका 100 रुपये की कमाई करता है। लेकिन उसका खर्च 120 रुपये है। तो उसके ऊपर 20 रुपये का कर्ज हो गया। साल दर साल अमेरिका का कर्ज बढ़ता गया। कोविड के बाद इसमें तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
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अमेरिका के ट्रेजरी विभाग की मानें तो दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के ऊपर 1924 में 395 अरब डॉलर का कर्ज था। लेकिन आज के समय में यह बढ़कर 37 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है।
2019 तक अमेरिका पर करीब 27 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज था। लेकिन महामारी कोविड 19 के बाद अमेरिका का कर्ज 10 ट्रिलियन डॉलर बढ़ गया।
चीन, जर्मनी, जापान और भारत की जीडीपी से भी अधिक है अमेरिका पर कर्ज
दुनिया की पांच सबसे बड़ी जीडीपी की बात करें तो अमेरिका नंबर वन पर है। उसकी जीडीपी 30 ट्रिलियन डॉलर की है। वहीं, चीन की 19.23 ट्रिलियन डॉलर, जर्मनी की 4.74 ट्रिलियन डॉलर, इंडिया की 4.19 ट्रिलियन डॉलर और जापान की 4.19 ट्रिलियन डॉलर। अमेरिका को छोड़कर अन्य 4 देशों की जीडीपी को जोड़ दिया जाए फिर भी अमेरिका का कर्ज अधिक है। इन चारों देशों की कुल जीडीपी 32.35 ट्रिलियन डॉलर हो रही है, जबकि अमेरिका पर 37 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है।
क्या कर्ज से निपटने के लिए टैरिफ लगा रहे हैं ट्रंप?
दूसरी बार राष्ट्रपति बनने से पहले ही ट्रंप टैरिफ को लेकर एक्शन मोड में रहे हैं। और राष्ट्रपति की शपथ लेते ही उन्होंने टैरिफ लगाना शुरू किया। भारत और ब्राजील पर उन्होंने सबसे अधिक 50 फीसदी का टैरिफ (Trump tariffs) लगाया है। 8 अगस्त से अमेरिका 25 फीसदी टैरिफ वसूला रहा है। 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ रूस से तेल खरीदने को लेकर लगाया है। यह 27 अगस्त से शुरू होगा। एक सवाल यह उठता है कि टैरिफ लगाकर ही राष्ट्रपति ट्रंप अपने देश का कर्ज उतारेंगे? हालांकि, यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है।
भारत पर कितना है कर्ज?
31 मार्च 2025 तक भारत पर 185.11 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। और यह 31 मार्च, 2026 तक 200.16 लाख करोड़ रुपये तक जा सकता है। ऐसे में अमेरिका के मुकाबले भारत पर बहुत कम कर्ज है। भारत तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। इसके बावजूद ट्रंप भारत पर धौंस दिखा रहे हैं। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति रूस और यूक्रेन का युद्ध रुकवाना चाहते हैं लेकिन पुतिन मान ही नहीं रहे है। इसलिए वह रूस की अर्थव्यवस्था को तोड़ने के लिए भारत पर दबाव बना रहे हैं।
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उन्होंने पहले चीन पर दबाव बनाने की कोशिश की लेकिन ड्रैगन ने रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया। इसके अलावा रेयर अर्थ एलिमेंट्स के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया। चीन नहीं माना तो वह भारत पर रूस से तेल न खरीदने का दबाव बनाने लगे। लेकिन भारत (India–US trade tension) इस दबाव में नहीं आया। ऐसे में ट्रंप का चिढ़ना लाजमी है। भारत अपनी बात पर अडिग है। यही वजह है कि ट्रंप लगातार हिंदुस्तान को निशाना बना रहे हैं। वह टैरिफ बढ़ाकर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं।
Source- US Treasury Department
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