ट्रंप के बाद अब अमेरिका के मंत्री ने दी धमकी, भारत पर 50% से भी ज्यादा हो सकता है टैरिफ , अगर...
US tariffs on India रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर टैरिफ को लेकर फैसला ट्रंप और पुतिन की मुलाकात पर टिका हुआ है। इस बीच अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेस्सेंट ने कहा है कि रूस से तेल खरीदने पर भारत और चीन पर सेकेंडरी टैरिफ बढ़ सकता है अगर 15 अगस्त को अलास्का में ट्रम्प और व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक बेनतीजा रहती है तो।

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगा चुके हैं और लगातार तीखे तेवर दिखा रहे हैं। इस बीच ट्रंप सरकार में ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेस्सेंट ने कहा है कि रूस से तेल खरीदने पर भारत और चीन पर सेकेंडरी टैरिफ बढ़ सकता है लेकिन यह फैसला 15 अगस्त को अलास्का में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन के साथ होने वाली बैठक पर निर्भर करेगा।
बेसेंट ने कहा कि ट्रंप चाहते हैं कि यूरोपीय समूह इन प्रतिबंधों को लेकर अमेरिका के साथ आए। हालाँकि, अगर यूएस और रूस के बीच बातचीत सफल होती है, तो रूस के खिलाफ इन उपायों में ढील दी जा सकती है। ब्लूमबर्ग टीवी को दिए इंटरव्यू में बेसेंट ने कहा, "यूरोपीय देशों को इन प्रतिबंधों में हमारे साथ शामिल होना होगा, और उन्हें ऐसा करना ही होगा।"
'बैन और सेकेंडरी टैरिफ बढ़ाएंगे'
बेसेंट ने कहा, "हमने रूसी तेल खरीदने के लिए भारतीयों पर द्वितीयक शुल्क लगाए हैं। और मुझे लगता है कि अगर हालात ठीक नहीं रहे, तो प्रतिबंध या द्वितीयक शुल्क बढ़ सकते हैं।"
दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय से निर्यात होने वाले सामानों पर 25 प्रतिशत का बेसलाइन टैरिफ लगाया है, साथ ही रूस से तेल आयात करने पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है, जिससे टैरिफ की कुल दर 50 प्रतिशत हो गई है।
कई देश टैरिफ के विरोध में
ट्रम्प की दलील है कि भारत और चीन जैसे अन्य देश यूक्रेन में रूस की युद्ध मशीन को तेल खरीदकर आर्थिक सहायता दे रहे हैं। हालांकि, भारत सरकार ने इस आरोप को "अनुचित और अनुचित" बताते हुए तीखा खंडन किया है।
दुनियाभर के कई देश डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ का विरोध कर रहे हैं। चीन समेत कुछ देशों ने कहा कि ट्रंप, टैरिफ का इस्तेमाल हथियार के तौर पर कर रहे हैं ताकि अपनी मनमानी कर सकें।
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