UPI की तेजी के आगे फीका पड़ा आईएमपीएस और आधार से भुगतान का तरीका, सितंबर में हुए रिकॉर्ड लेनदेन
UPI Transactions सितंबर महीने में यूपीआइ प्लेटफार्म से लेनदेन ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छू लिया है और यह 11 लाख करोड़ रुपये आंकड़े को भी पार कर गया है। वहीं आईएमपीएस और आधार से होने लेनदेनों की संख्या में कमी आई हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (National Payments Corporation of India) की ओर से शनिवार को डाटा जारी कर बताया गया कि देश में सितंबर में यूपीआई से होने वाले लेनदेन में पिछले महीने के मुकाबले 3 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और इनकी संख्या बढ़कर 6.78 अरब हो गई है। अगस्त 2022 में देश में कुल 6.57 अरब यूपीआई लेनदेन हुए थे।
जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में कुल 6.78 अरब ट्रांजैक्शन हुए हैं, जिनकी कुल वैल्यू 11.16 लाख करोड़ रुपये है। अगस्त 2022 में कुल 10.73 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए थे। इससे पहले जुलाई में भारत में 6.28 अरब ट्रांजैक्शन हुए थे, जिनकी वैल्यू 10.62 लाख करोड़ रुपये थी।
यूपीआई से बढ़ रहा लेनदेन का चलन
2016 में लॉन्च होने के बाद से यूपीआई सुरक्षित और निशुल्क होने के कारण लोगों में बीच में तेजी से लोकप्रिय हुआ है। एनपीसीआई के मुताबिक, लॉन्च होने के बाद नवंबर 2016 में यूपीआई ने 100 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर लिया था, जिसके बाद दिसंबर 2016 में 500 करोड़ रुपये, जनवरी 2017 में 1000 करोड़ रुपये, सितंबर 2017 में 5000 करोड़ रुपये, दिसंबर 2017 में 10,000 करोड़ रुपये, जुलाई 2018 में 50,000 करोड़ रुपये, दिसंबर 2018 में 1,00,000 करोड़ रुपये, मार्च 2021 में 5,00,000 करोड़ रुपये और अगस्त 2022 में 10,70,000 करोड़ रुपये को पार कर गया था।
IMPS से लेनदेन घटा
एनपीसीआई की ओर से बताया गया कि सितंबर में आईएमपीएस से होने वाले लेनदेन की संख्या में गिरावट हुई है और यह घटकर 46.27 करोड़ रह गई है, अगस्त में ये संख्या 46.67 करोड़ थी।
आधार भुगतान में भी हुई गिरावट
आधार नंबर के जरिए होने वाले AePS लेनदेन की संख्या सितंबर में 10.26 करोड़ हो गई है जो कि अगस्त में 10.5 करोड़ थी। जुलाई में कुल 11.04 करोड़ AePS लेनदेन हुए थे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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