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    UPI में बड़ा बदलाव, अब सीधे नहीं मांग पाएंगे पैसे; जानिए NPCI के नए नियम से कितना सुरक्षित है आपका पैसा?

    Updated: Wed, 13 Aug 2025 07:22 PM (IST)

    NPCI ने UPI को सुरक्षित बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब एक अक्टूबर 2025 से पीयर-टू-पीयर कलेक्ट रिक्वेस्ट बंद हो जाएगी जिससे व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के बीच पुल ट्रांजेक्शन नहीं हो पाएगा। हालांकि दुकानदार और कंपनियां पहले की तरह ही कलेक्ट रिक्वेस्ट भेज पाएंगी। यह फैसला धोखाधड़ी को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है क्योंकि जालसाज इस सुविधा का दुरुपयोग कर रहे थे।

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    UPI में बड़ा बदलाव, अब सीधे नहीं मांग पाएंगे पैसे

    नई दिल्ली। एनपीसीआइ ने सभी बैंकों और पेमेंट एप (जैसे गूगल पे, फोनपे, पेटीएम) को निर्देश दिया है कि एक अक्टूबर, 2025 से यूपीआइ पर पीयर-टू-पीयर कलेक्ट रिक्वेस्ट को पूरी तरह से बंद कर दिया जाए। UPI को और ज्यादा सुरक्षित बनाने की दिशा में NPCI का यह फैसला एक मील का पत्थर है।

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    कलेक्ट रिक्वेस्ट या पुल ट्रांजेक्शन यूपीआइ का एक फीचर है, जो आपको किसी दूसरे व्यक्ति से पैसे मांगने की सुविधा देता है। मान लीजिए, आपको अपने दोस्त से 1,000 रुपये लेने है। आप अपने यूपीआइ एप में जाकर दोस्त की यूपीआइ आइडी डालेंगे और 1,000 रुपये की कलेक्ट रिक्वेस्ट भेजेंगे।

    आपके दोस्त के पास एक नोटिफिकेशन जाएगा और जैसे ही वह अपना यूपीआइ पिन डालकर उसे अप्रूव करेगा, 1,000 रुपये आपके खाते में आ जाएंगे। यह फीचर दोस्तों या रिश्तेदारों से बकाया पैसा याद दिलाने के लिए बनाया गया था, लेकिन जालसाजों ने इसे अपना सबसे बड़ा हथियार बना लिया।

    अब नहीं हो पाएगी धोखाधड़ी!

    एनपीसीआइ ने पहले भी इस धोखाधड़ी को रोकने के लिए कलेक्ट रिक्वेस्ट की सीमा को घटाकर 2,000 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन कर दिया था। इससे धोखाधड़ी में काफी कमी आई थी, लेकिन जालसाज फिर भी नए-नए तरीकों से लोगों को फंसा रहे थे, जिसके चलते यह कदम उठाना पड़ा।

    मर्चेंट के लिए जारी रहेगी यह सुविधा

    खास बात यह है कि मर्चेंट (यानी दुकानदार और कंपनियां) पहले की तरह ही आपको कलेक्ट रिक्वेस्ट भेज पाएंगे। दरअसल, जब आप ई-कामर्स वेबसाइट से कोई सामान खरीदते हैं और यूपीआइ से पेमेंट का आप्शन चुनते हैं तो ये कंपनियां आपके फोन पर एक पेमेंट रिक्वेस्ट भेजती हैं। आप उसे अपना पिन डालकर अप्रूव करते हैं तो भुगतान पूरा हो जाता है।

    यह प्रक्रिया पहले की तरह ही चलती रहेगी। आप पहले की तरह ही किसी को भी क्यूआर कोड स्कैन करके, मोबाइल नंबर से या यूपीआइ आइडी से सीधे पैसा भेज (पुश ट्रांजेक्शन) पाएंगे। सिर्फ पैसा मांगने (पुल ट्रांजेक्शन) वाले फीचर को आम लोगों के लिए बंद किया गया है।

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