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    सड़क परियोजनाओं के लिए पूंजी बाजार का रुख करेगी सरकार, छोटे निवेशक म्‍युचुअल फंडों की तरह कर सकेंगे निवेश

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Wed, 24 Aug 2022 01:05 PM (IST)

    केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मानें तो सरकार सड़क परियोजनाओं के लिए रकम जुटाने के लिए पूंजी बाजार का रुख करेगी। इसके लिए एक नया मॉडल तैयार किया जा रहा है। सरकार जल्द ही शेयर बाजार में इनविट को लिस्‍टेड करेगी।

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    केंद्र सरकार सड़क परियोजनाओं के लिए धन जुटाने को लेकर पूंजी बाजार का रुख करेगी।

    नई दिल्‍ली, एजेंसियां। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि केंद्र सरकार 4 सड़क परियोजनाओं के लिए धन जुटाने को लेकर अगले महीने पूंजी बाजार का रुख करेगी। उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह रकम इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvITs) के जरिये जुटाई जाएगी। इसमें खुदरा निवेशकों के लिए इसमें 10 लाख रुपये की निवेश सीमा होगी। उन्होंने कहा कि इसमें सात से आठ प्रतिशत का सुनिश्चित रिटर्न होगा। यह म्‍युचुअल फंडों जैसी योजना होगी।

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    उद्योग निकाय फिक्की द्वारा आयोजित सड़क और राजमार्ग शिखर सम्मेलन के तीसरे संस्करण में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार एक नया मॉडल तैयार कर रही है जिसके जरिए छोटे निवेशकों (small investors, retail) को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं (infrastructure projects) में निवेश करने की अनुमति दी जाएगी। सरकार जल्द ही शेयर बाजार में इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (Infrastructure Investment Trusts, InvITs) को सूचीबद्ध करेगी ताकि आम नागरिकों को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करने का अवसर मिल सके।

    उद्योग निकाय फिक्की द्वारा मंगलवार को आयोजित सड़क और राजमार्ग शिखर सम्मेलन के तीसरे संस्करण में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इनविट (InvITs) सालाना 7 से 8 फीसद रिटर्न का भरोसा देते हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs) म्युचुअल फंड्स की तरह हैं, जिनको निवेशकों से पैसा इकट्ठा करने और परिसंपत्तियों में निवेश करने के लिए डिजाइन किया गया है।

    केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे नकदी के प्रवाह को बनाए रखने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का विस्तार करने की जरूरत भी बताई क्‍योंकि देश में इनके जरिए लगभग 70 फीसद माल और 90 फीसद यात्री यातायात होता है।

    केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसमें सात से आठ प्रतिशत का सुनिश्चित रिटर्न होगा। सड़क मंत्रालय एक बार फिर बनाओ, चलाओ और स्थानांतरित (BOT) माडल के तहत परियोजनाएं शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि 2024 तक राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की लंबाई को दो लाख किलोमीटर तक ले जाने का लक्ष्य तय किया गया है। देश में राष्ट्रीय राजमार्गों का नेटवर्क अप्रैल, 2014 के 91,287 किलोमीटर से बढ़कर नवंबर, 2021 में 1,40,937 किलोमीटर पर पहुंच गया है।