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    Trump का यूट्यूब चैनल किया था बंद, सुदंर पिचाई की कंपनी को 218 करोड़ में करना पड़ा समझौता; मस्क भी चुका चुके कीमत

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 11:52 PM (IST)

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप (Donald Trump) के पहले कार्यकाल के समापन के दौरान जनवरी 2021 में कैपिटल हिल हिंसा के दौरान ट्रंप के यूट्यूब चैनल को बंद करने का खामियाजा कंपनी को भुगतना होगा। यूट्यूब की मूल कंपनी अल्फाबेट ट्रंप को 218 करोड़ रुपए देकर समझौता करने को तैयार हो गई है। गूगल तीसरी कंपनी है जिसे ट्रंप की आवाज दबाने की कीमत चुकानी पड़ी।

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    Trump का यूट्यूब चैनल किया था बंद, सुदंर पिचाई की कंपनी को 218 करोड़ में करना पड़ा समझौता।

    नई दिल्ली| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के यूट्यूब चैनल को 2021 में बंद करना गूगल को भारी पड़ गया। जनवरी 2021 में कैपिटल हिल हिंसा के बाद यूट्यूब ने ट्रंप का चैनल सस्पेंड कर दिया था। अब गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट को ट्रंप के साथ 24.5 मिलियन डॉलर (लगभग 218 करोड़ रुपये) में समझौता करना पड़ रहा है।

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    इस रकम में से 22 मिलियन डॉलर ट्रंप की ओर से ट्रस्ट फॉर द नेशनल मॉल को जाएगा। ये गैर-लाभकारी संस्था व्हाइट हाउस में 200 मिलियन डॉलर की लागत से 90 हजार वर्ग फीट का बाल रूम बना रही है। बाकी 2.5 मिलियन डॉलर अमेरिकी कंजर्वेटिव यूनियन और लेखिका नाओमी वुल्फ को मिलेगा।

    गूगल तीसरी कंपनी, जिसने चुकाई कीमत

    ट्रंप ने यूट्यूब के खिलाफ कोर्ट में केस ठोका था। गूगल तीसरी कंपनी है, जिसे ट्रंप की आवाज दबाने की कीमत चुकानी पड़ी। इससे पहले फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने 25 मिलियन डॉलर और एक्स ने 10 मिलियन डॉलर में ट्रंप से समझौता किया था। इस रकम का इस्तेमाल फ्लोरिडा में ट्रंप प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी बनाने में होगा। 

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    2021 में बंद किया था ट्रंप का यूट्यूब चैनल

    यूट्यूब ने 2021 में ट्रंप का चैनल बंद किया था, लेकिन 2023 में इसे फिर से शुरू कर दिया गया। गूगल ने समझौता तो किया, लेकिन अपनी नीतियों में बदलाव से इनकार कर दिया। ट्रंप ने मेटा और एक्स के खिलाफ भी मुकदमे किए थे। दोनों कंपनियों ने भी हर्जाना देकर मामला सुलझाया।

    क्या है पूरा मामला?

    जनवरी 2021 में कैपिटल हिल हिंसा के बाद ट्रंप के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कई कंपनियों ने बैन लगा दिया था। ट्रंप ने इसे अपनी आवाज दबाने की साजिश बताया। अब गूगल, मेटा और एक्स जैसी बड़ी कंपनियों को हर्जाना देना पड़ रहा है। ट्रंप इस रकम से अपनी परियोजनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं। बता दें कि भारतीय टेक दिग्गज सुदंर पिचाई अल्फाबेट के सीईओ हैं।