ट्रंप के टैरिफ से अमेरिका में ही बढ़ेगी महंगाई, सालाना घरेलू खर्च ₹2 लाख तक बढ़ेगा; SBI की रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा
ट्रंप के टैरिफ का सबसे ज्यादा असर (Trump Tariffs Impact) अमेरिका में ही पड़ सकता है। इससे महंगाई बढ़ेगी और हर घर का सालाना औसत खर्च 2.09 लाख रुपए तक बढ़ सकता है। SBI Research Report में बताया गया कि कम आय वाले परिवारों को करीब 1300 डॉलर का नुकसान हो सकता है जो अमीर परिवारों के मुकाबले 3 गुना ज्यादा दबाव वाला होगा।

नई दिल्ली| Trump Tariffs impact : डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 25% टैरिफ का सबसे ज्यादा असर अमेरिका पर ही पड़ेगा। इससे महंगाई बढ़ेगी और अमरेकी घरों का औसतन सालाना खर्च 2400 डॉलर (करीब 2.09 लाख रुपए) बढ़ सकता है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एक रिसर्च रिपोर्ट (SBI Research Report) में ये चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बढ़ा हुआ बोझ सभी परिवारों पर बराबर नहीं पड़ेगा। कम आय वाले अमेरिकी परिवारों को करीब 1300 डॉलर (1.13 लाख रुपए) का नुकसान हो सकता है, जो अमीर परिवारों के मुकाबले तीन गुना ज्यादा दबाव वाला होगा। वहीं, अमीर परिवारों को भी करीब 5000 डॉलर (4.37 लाख रुपए) तक का नुकसान हो सकता है।
एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में साफ किया है कि, "ट्रंप के टैरिफ की वजह से औसतन हर अमेरिकी परिवार को शॉर्ट टर्म में करीब 2400 डॉलर यानी 2.09 लाख रुपए का नुकसान होगा।"
भारत के मुकाबले अमेरिका को ज्यादा नुकसान
SBI ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि नया ट्रेड विवाद भारत के मुकाबले अमेरिका को ही ज्यादा नुकसान पहुंचाएगा। इसकी वजह यह है कि अमेरिका फिलहाल कमजोर डॉलर, ऊंची महंगाई और बढ़ते दामों के दबाव जैसी आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था पहले से ही धीमी GDP ग्रोथ और बढ़ती महंगाई से जूझ रही है, उसे अब इस व्यापारिक माहौल से ज्यादा नुकसान होने की संभावना है।
जो सेक्टर इंपोर्ट पर निर्भर, उनकी कीमतें बढ़ेंगी
ट्रंप द्वारा बढ़ाए गए टैरिफ खासकर उन सेक्टरों में कीमतें बढ़ा सकते हैं, जो आयात (Import) पर ज्यादा निर्भर हैं। जैसे- इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (टीवी, फ्रिज जैसे टिकाऊ उपभोक्ता सामान)। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिका में महंगाई पहले से ही बढ़ने के संकेत दे रही है, और इन टैरिफ का असर 2026 तक जारी रह सकता है। इसकी वजह से महंगाई अमेरिका के फेडरल रिजर्व के 2% के टारगेट से ऊपर बनी रह सकती है।
पूरे अमेरिका पर दवाब, लेकिन भारत पर कम
एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि इन टैरिफ से केवल घरेलू खर्च ही नहीं बढ़ेगा, बल्कि इससे पूरी अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ेगा। GDP में 40 से 50 बेसिस प्वाइंट की गिरावट आने की संभावना है। क्योंकि, इनपुट कॉस्ट बढ़ेगी और महंगाई की वजह से कंज्यूमर डिमांड कमजोर होगी। वहीं दूसरी ओर, भारत पर इसका असर उम्मीद के मुताबिक कम होगा।
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है, वहां से वित्त-वर्ष FY25 में कुल निर्यात का करीब 20% निर्यात हुआ। हालांकि, भारत ने अपना निर्यात पोर्टफोलियो काफी हद तक डायवर्सिफाई कर लिया है। भारत के कुल निर्यात का लगभग 53% टॉप 10 देशों में जाता है, जिसमें अमेरिका भी शामिल हैं। यह विविधता भारत को सुरक्षा देगी और निर्यात पर असर सीमित रहेगा।
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