'बंद करनी होगी तेल खरीद', भारत-रूस से नहीं जीत पाए ट्रंप, तो यूरोप पर उतारी खीझ; क्या-क्या बोल गए?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी खीझ अब यूरोप पर उतारनी शुरू कर दी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की समेत यूरोपीय देशों के नेताओं के साथ बैठक में ट्रंप ने दो टूक कह दिया है कि यूक्रेन युद्ध खत्म करना है तो रूस से तेल खरीदना तुरंत बंद करना होगा। उन्होंने चीन पर भी आर्थिक दबाव बढ़ाने की बात कही।

नई दिल्ली| भारत और रूस पर नकेल कस पाने और यूक्रेन युद्ध रुकवा पाने में विफल रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी खीझ अब यूरोप पर उतारनी शुरू कर दी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की समेत यूरोपीय देशों के नेताओं के साथ बैठक में ट्रंप ने दो टूक कह दिया है कि यूक्रेन युद्ध खत्म करना है तो रूस से तेल खरीदना तुरंत बंद करना होगा। उन्होंने चीन पर भी आर्थिक दबाव बढ़ाने की बात कही।
अमेरिकी मीडिया सीएनएन ने व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि पिछले दिनों राष्ट्रपति ट्रंप ने कोएलिशन आफ द विलिंग यानी उन देशों के समूह के साथ वर्चुअल बैठक की जो यूक्रेन की सुरक्षा और शांति बहाली की कोशिशों में सक्रिय हैं।
इसमें जेलेंस्की समेत 35 देशों के नेता शामिल हुए। उन्होंने साफतौर पर कहा कि यूरोप को तेल बेचकर रूस ने केवल एक साल में 1.1 अरब डालर कमाए हैं। रूस की ये कमाई बंद करने के लिए यूरोप को भी रूस से तेल खरीद रोकनी होगी।
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'भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया'
भारत का नाम लेते हुए ट्रंप ने कहा, 'मैंने पहले ही भारत पर कार्रवाई की है। भारत से रूस का तेल खरीदने पर मैंने 50 प्रतिशत टैरिफ बढ़ा दिया है, ताकि रूस को मिलने वाला फंड रोका जा सके।'
यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के लगभग तीन हफ्ते बाद भी ट्रंप शांति वार्ता में कोई ठोस नतीजा न निकलने से खीझे हुए हैं।
सूत्रों के मुताबिक ट्रंप अब सोच रहे हैं कि क्या वे खुद सीधे मध्यस्थता कर क्रेमलिन और यूक्रेनी नेताओं की बैठक करवा सकते हैं। इसी बैठक के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ऐलान किया कि अगर युद्धविराम होता है तो 26 देश यूक्रेन में शांति-रक्षक बल भेजने को तैयार हैं।
मैक्रों का कहना है कि युद्धविराम समझौते के अगले ही दिन 26 पश्चिमी सहयोगी देश अपने सैनिक 'जमीन, समंदर और आसमान'- तीनों मोर्चों पर यूक्रेन में तैनात करेंगे। हालांकि मैक्रों ने साफ कहा कि यूरोपीय सुरक्षा गारंटी तभी असरदार होंगी जब अमेरिका 'सेफ्टी नेट' की भूमिका निभाएगा।
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