ट्रंप का भारत पर हमला! टैरिफ में छूट पर कहा- बहुत देर हो गई अब कुछ नहीं होगा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ (Donald Trump India tariffs) को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत ने टैरिफ को शून्य करने की पेशकश की है लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है। ट्रंप ने भारत की व्यापार प्रथाओं की आलोचना करते हुए इसे एकतरफा आपदा बताया।

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 सितंबर को दावा किया कि भारत ने सभी टैरिफ को 'शून्य' करने की पेशकश की है और कहा कि 'अब बहुत देर हो चुकी है।' ट्रंप ने भारत के बिजनेस पर भी निशाना साधा और लंबे समय से चले आ रहे आर्थिक संबंधों को "पूरी तरह से एकतरफा आपदा" बताया। उन्होंने दावा किया कि भारत ने अब टैरिफ घटाने की पेशकश की है, लेकिन यह बहुत देर से हुआ। हालांकि, भारत सरकार की ओर से ऐसे कोई संकेत नहीं हैं।
ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में ट्रम्प ने दोनों देशों के बीच व्यापार में असंतुलन की आलोचना की और भारत पर दशकों से अमेरिकी वस्तुओं पर अत्यधिक उच्च टैरिफ लगाने का आरोप लगाया।
ट्रंप ने लिखा, "बहुत कम लोग यह समझते हैं कि हम भारत के साथ बहुत कम व्यापार करते हैं, लेकिन वे हमारे साथ बहुत ज़्यादा व्यापार करते हैं... वे हमें भारी मात्रा में सामान बेचते हैं... लेकिन हम उन्हें बहुत कम बेचते हैं। अब तक यह पूरी तरह से एकतरफा ट्रेड रहा है और यह कई दशकों से ऐसा ही रहा है।"
उन्होंने दावा किया कि अमेरिकी व्यवसाय भारतीय बाजार से बाहर हो गए हैं, क्योंकि उन्होंने इसे किसी भी देश की तुलना में "सबसे" ज्यादा वसूलने वाला टैरिफ बताया। और यह स्वीकार करते हुए कि भारत ने अब टैरिफ को शून्य तक कम करने की पेशकश की है, ट्रंप ने कहा, "अब देर हो रही है। उन्हें ऐसा सालों पहले कर देना चाहिए था।"
उन्होंने तेल और सैन्य उपकरणों के लिए रूस पर भारत की निरंतर निर्भरता की ओर भी इशारा किया और कहा कि देश इन क्षेत्रों में अमेरिका से "बहुत कम" खरीदता है।
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ट्रंप की यह टिप्पणी उनके प्रशासन द्वारा भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के कुछ ही दिनों बाद आई है। 27 अगस्त, 2025 से, भारतीय निर्यात पर संयुक्त रूप से 50% टैरिफ लागू होगा। इस कदम पर सरकार ने आलोचना करते हुए अनुचित बताया था। नए टैरिफ कपड़ा, रत्न, जूते और मशीनरी जैसे प्रमुख भारतीय निर्यात पर लगाए गए हैं। वहीं फार्मास्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स को इससे मुक्त रखा गया है।
आर्थिक विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि इन टैरिफ से भारत को निर्यात में 55-60 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। हालाँकि, भारत सरकार ने संकेत दिया है कि वह दबाव में नहीं झुकेगी। व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने इस हफ्ते की शुरुआत में कहा था कि भारत न तो झुकेगा और न ही कभी कमजोर दिखेगा।
अमेरिकी अदालतों में ट्रम्प की टैरिफ नीतियों को कानूनी चुनौतियों के बावजूद, शुल्क अभी भी प्रभावी हैं और अपील अक्टूबर तक चलने की उम्मीद है।
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