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    महंगा घर खरीदने का बढ़ रहा चलन, Luxury Houses की बिक्री में 53 फीसदी का भारी उछाल

    By Agency Edited By: Suneel Kumar
    Updated: Wed, 15 Jan 2025 05:25 PM (IST)

    भारत में लग्जरी आवास क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। इसकी वजह यह है कि लोग आज आधुनिक सुविधाएं आराम और बेहतरीन परिवेश चाहते हैं। मुंबई में चार करोड़ रुपये और उससे अधिक कीमत वाले घरों की बिक्री पिछले साल 4200 इकाई से बढ़कर 5500 इकाई हो गई। पुणे में इस श्रेणी में बिक्री 400 घरों से बढ़कर 825 घर हो गई।

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    किफायती आवास परियोजनाओं पर टैक्स घटाने की भी मांग हो रही है।

    पीटीआई, नई दिल्ली। पिछले साल यानी 2024 में चार करोड़ रुपये और उससे अधिक कीमत वाले लग्जरी घरों की अच्छी मांग देखने को मिली। देश के सात प्रमुख शहरों में इस श्रेणी के घरों की बिक्री 53 प्रतिशत बढ़कर 19,700 इकाई हो गई। कैलेंडर वर्ष 2023 में चार करोड़ रुपये और उससे अधिक कीमत वाले घरों की बिक्री 12,895 इकाई रही थी।

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    इस श्रेणी के घरों की बिक्री 2024 के दौरान सबसे ज्यादा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर)-दिल्ली में 10,500 इकाई रही। जबकि, वर्ष 2023 में यह 5,525 इकाई थी।

    रियल एस्टेट परामर्श कंपनी सीबीआरई के भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका के चेयरमैन और सीईओ अंशुमान मैगजीन ने कहा, 'आवासीय रियल एस्टेट बाजार मजबूत बुनियाद के आधार पर आगे बढ़ रहा है। उम्मीद है कि यह गति जारी रहेगी और आगामी तिमाहियों में बिक्री और नई आवासीय इकाइयों की पेशकश, दोनों स्थिर रहेंगी।'

    भारत में लग्जरी आवास क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। इसकी वजह यह है कि लोग आज आधुनिक सुविधाएं, आराम और बेहतरीन परिवेश चाहते हैं। एनसीआर क्षेत्र में प्रीमियम संपत्तियों की बिक्री में तेज वृद्धि दीर्घकालिक वृद्धि और निवेश की इसकी क्षमता को दर्शाती है।

    आकाश खुराना, प्रेसिडेंट और सीईओ, कृसुमी कॉरपोरेशन

    इसके अलावा, मैगजीन ने कहा कि पारंपरिक रूप से मध्यम स्तर के विकास से जुड़े नोएडा, बेंगलुरु, पुणे और चेन्नई जैसे कई शहर तेजी से महंगे घरों की परियोजनाओं की ओर रुख कर रहे हैं। मुंबई में चार करोड़ रुपये और उससे अधिक कीमत वाले घरों की बिक्री पिछले साल 4,200 इकाई से बढ़कर 5,500 इकाई हो गई। पुणे में इस श्रेणी में बिक्री 400 घरों से बढ़कर 825 घर हो गई, लेकिन बेंगलुरु में यह 265 घरों से घटकर 50 रह गई।

    किफायती आवास परियोजनाओं पर टैक्स घटाने की मांग

    रियल एस्टेट क्षेत्र के शीर्ष संगठन क्रेडाई ने सरकार को आगामी बजट में किफायती आवास परियोजनाओं पर आयकर की दर केवल 15 प्रतिशत तय करने का सुझाव दिया है। क्रेडाई ने कहा कि इससे कम लागत वाले मकानों की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिनकी मांग सबसे अधिक है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी।

    'कन्फेडरेशन आफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया' (क्रेडाई) ने अपने दिए सुझावों में किफायती आवास की परिभाषा में बदलाव, किफायती मकान बनाने के लिए रियल एस्टेट कंपनियों को कर में छूट तथा आवास ऋण पर व्यक्तियों द्वारा चुकाए जाने वाले मूलधन तथा ब्याज पर कटौती की सीमा बढ़ाना शामिल है। क्रेडाई 13,000 से अधिक डेवलपर का प्रतिनिधित्व करता है।

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