बाढ़ में डूबे या भूकंप में घर उजड़े तो कैसे मिलेगा मुआवजा? किराएदार भी ले सकता है Home Insurance, एक्सपर्ट से समझें
पंजाब-दिल्ली (Punjab Floods) समेत कई राज्यों में बाढ़ से हजारों ढह गए या फिर क्षतिग्रस्त हैं। सवाल उठता है कि घरों के नुकसान की भरपाई कैसे हो सकती है? दरअसल बाढ़ या प्राकृतिक आपदा (Flood control news) से जिन घरों का नुकसान होता है उनकी भरपाई होम इंश्योरेंस से होती है। अब सवाल उठता है कि क्या कोई किराएदार भी होम इंश्योरेंस ले सकता है?

नई दिल्ली| पंजाब, दिल्ली, हिमाचल और असम जैसे राज्यों (Punjab Floods) में इस वक्त बाढ़ से हालात बिगड़े हुए हैं। हजारों घर या तो ढह चुके हैं या फिर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं। बरसात का मौसम आते ही हर साल यही चिंता बढ़ जाती है कि अगर घर को नुकसान हो गया तो उसकी भरपाई कैसे होगी? इसी सवाल का जवाब है- होम इंश्योरेंस (Home Insurance India)।
अब सवाल उठता है कि आखिर इसके क्या-क्या फायदे हैं और इसमें क्या-क्या कवर होता है? क्या कोई किराएदार भी होम इंश्योरेंस ले सकता है? तो इस बारे में बता रहे हैं पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के बिजनेस हेड (होम इंश्योरेंस) के अश्विनी दुबे।
1. होम इंश्योरेंस क्यों जरूरी है?
बाढ़ या भूकंप जैसी आपदा कभी भी आ सकती है। ऐसे हादसों में घर पूरी तरह रहने लायक न बचे, तो इंश्योरेंस कंपनी अस्थायी आवास, मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए आर्थिक मदद देती है। छोटा प्रीमियम भरकर आप लाखों का नुकसान कवर कर सकते हैं।
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2. क्या-क्या कवर करता है होम इंश्योरेंस?
होम इंश्योरेंस में घर का स्ट्रक्चर और घरेलू सामान दोनों शामिल होते हैं। यानी बाढ़ से मकान गिरे या आग से सामान जले, दोनों की भरपाई होती है। साथ ही चोरी, डकैती या दंगे जैसी स्थितियों में भी कवरेज मिलता है।
3. क्या किराएदार भी पॉलिसी ले सकता है?
जी हां। किराएदार घर की दीवार या स्ट्रक्चर का बीमा नहीं करा सकता, लेकिन वह अपनी निजी चीजों (जैसे फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े) के लिए कंटेंट इंश्योरेंस ले सकता है। चोरी या आग से नुकसान हुआ तो भरपाई मिल जाएगी।
4. किन चीजों पर क्लेम नहीं मिलता?
कुछ स्थितियों को एक्सक्लूडेड किया गया है। जैसे- नई इमारत में दरारें, खराब कंस्ट्रक्शन, नमी से दीवारों का खराब होना, मरम्मत के दौरान हुआ नुकसान। यानी सामान्य खराबी पर क्लेम नहीं मिलेगा।
5. क्लेम प्रक्रिया कैसे होती है?
अगर घर को नुकसान हुआ तो तुरंत बीमा कंपनी को पॉलिसी नंबर, घटना का विवरण और फोटो/वीडियो सबूत दें।
- 1-2 दिन में सूचना दर्ज हो जाती है।
- 3 दिन में सर्वेयर घर का मुआयना करता है।
- 7-15 दिन में रिपोर्ट जमा करनी होती है।
- 30 दिन में क्लेम सैटलमेंट हो जाता है।
6. प्रीमियम कितना होता है?
होम इंश्योरेंस का प्रीमियम घर के एरिया, उम्र, स्ट्रक्चर और सामान की कीमत पर निर्भर करता है। पॉलिसी सालाना भी ली जा सकती है और लंबे समय के लिए भी। आमतौर पर प्रीमियम काफी कम होता है, लेकिन नुकसान कवर बहुत बड़ा।
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बता दें कि हर साल बाढ़ से हजारों घर तबाह हो जाते हैं। बाढ़ ग्रस्त राज्यों वाले लोग इसी चिंता में जीते हैं कि अगर घर डूब गया तो जिंदगी कैसे पटरी पर आएगी? ऐसे में होम इंश्योरेंस सिर्फ एक पॉलिसी नहीं, बल्कि आपके घर और सपनों के लिए सुरक्षा कवच है। चाहे आप मालिक हों या किराएदार-घर को सुरक्षित रखने का यह सबसे आसान और समझदारी भरा तरीका है।
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