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    Tax On IPO: आईपीओ लिस्टिंग से हुए मुनाफे पर देना होता है टैक्स, जानें क्या है आयकर नियम

    Updated: Fri, 15 Mar 2024 06:30 PM (IST)

    Tax on IPO Profit हम जो भी निवेश करते हैं उन सब की जानकारी हमें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देनी होती है। अगर आप आईपीओ में निवेश करते हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए बहुत जरूरी है। इस आर्टिकल में जानते हैं कि आईपीओ लिस्टिंग से होने वाली कमाई पर कितना टैक्स लगता है। क्या इसमें करदाता को टैक्स कटौती का लाभ मिलता है या नहीं।

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    आईपीओ लिस्टिंग से हुए मुनाफे पर देना होता है टैक्स

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। कई निवेशकों को कंपनी के आईपीओ (IPO) के जरिये मुनाफा होता है। अगर आप भी आईपीओ में निवेश करते हैं तो ये खबर आपके लिए जरूरी है।

    दरअसल, आईपीओ लिस्टिंग पर निवेशकों को जो मुनाफा होता है उस पर उन्हें टैक्स (Tax) देना होता है। शेयर बाजार में जब निवेशक अपने शेयर बेचता है तो उस शेयर से हुए प्रॉफिट पर उन्हें टैक्स देना होता है।

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    कितना देना होता है टैक्स

    निवेशक को आईपीओ अलॉट होने के बाद शेयर बेचने पर उतना ही टैक्स देना होता है जो किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर से कमाई पर लगता है। अगर निवेशक एक साल से कम अवधि में शेयर बेचता है तो उसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (Short Term Capital Gain Tax) देना होता है।

    एक साल के अंदर शेयर बेचने पर जितना मुनाफा होता है उस पर 15 फीसदी की दर से टैक्स देना होताहै। वहीं इसमें 2 फीसदी एजुकेशन सेस और 1 फीसदी हायर एजुकेशन सेस लगता है।

    1 साल से ज्यादा की अवधि पर टैक्स बेचने पर निवेशक को 10 फीसदी के हिसाब से टैक्स देना होता है।

    अगर निवेशक को किसी एक वित्त वर्ष में एक लाख रुपये से ज्यादा की कमाई नहीं होती है तो उसे टैक्स नहीं देना होता है। हालांकि, अगर निवेशख जल्दी शेयर बेचता है तो उसे यह लाभ नहीं मिलेगा।

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    क्या टैक्स बेनिफिट मिलता है

    निवेशक अपने टैक्स को कम करने के लिए आईपीओ अलॉटमेंट में ब्रोकरेज फी और शॉर्ट टर्म में हुए लॉस को दिखा सकता है। 1 साल से ज्यादा समय के बाद शेयर को बेचने पर निवेशक को जो लॉस हुआ है वो शॉर्ट टर्म में शामिल नहीं होगा।

    ये लोग नहीं देते टैक्स

    अगर निवेशक की शेयर की कमाई एनुअल इनकम बेसिक एग्जम्पशन लिमिट से कम है तो उन्हें टैक्स नहीं देना होगा। बता दें कि सामान्य नागरिक के लिए यह लिमिट 2.5 लाख रुपये है और 60 से 80 वर्ष के आयु वाले निवेशकों के लिए यह लिमिट 5 लाख रुपये है।

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