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    Tata के Semiconductor प्लांट से पैदा होंगी 72 हजार नई नौकरियां, N Chnadrasekharan बोले - 2026 में बना लेंगे पहली चिप

    आज असम में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स (Tata Electronics) की चिप असेंबली सर्विस का शिलान्यास समारोह हुआ। इस समारोह में टाटा संस (Tata Sons) के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने कहा कि सेमीकंडक्टर प्लांट सभी सेक्टर की आवश्यकताओं को पूर्ति करेगा और इस प्लांट से लगभग 72000 लोगों को नौकरियां मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि दिसंबर 2026 तक पहला सेमीकंडक्टर चिप का सेट का प्रोडक्शन हो सकता है।

    By Agency Edited By: Priyanka Kumari Updated: Wed, 13 Mar 2024 04:35 PM (IST)
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    Tata ने एक साथ दो Semiconductor प्लांट की रखी आधारशिला

    पीटीआई, नई दिल्ली। भारत अब खुद सेमीकंडक्टर बनाने की राह पर है। उम्मीद की जा रही है कि दिसंबर 2026 तक टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स (Tata Electronics) अपना पहला सेमीकंडक्टर (Semiconductor) सेट बना देगा। आज सेमीकंडक्टर को लेकर टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने अपडेट दिया है।

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    टाटा संस (Tata Sons) के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने कहा कि

    टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्लांट धीरे-धीरे सेमीकंडक्टर चिप्स की आपूर्ति करेगा और वह चरणबद्ध तरीके से सभी सेक्टर को सेवाएं देंगा। सेमीकंडक्टर के निर्माण से भारत में रोजगार के अवसर पैदा हुए। पिछले कुछ वर्षों में लगभग 72,000 लोगों को नौकरियां मिली है।

    आज असम में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के 91,000 करोड़ रुपये के चिप मेन्यूफेक्चरिंग प्लांट और 27,000 करोड़ रुपये की चिप असेंबली सर्विस का शिलान्यास समारोह हुआ। इस समारोह में चंद्रशेखरन ने कहा कि हम जिस दिन शुरुआती लक्ष्य को हासिल कर लेंगे उसके बाद हम सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट का विस्तार करेंगे।

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    इन सेक्टर की आवश्यकताओं की होगी पूर्ति

    एन चंद्रशेखरन के अनुसार टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स चिप्स का लाभ कई सेक्टर को मिलेगा। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स चिप्स ऑटोमोटिव, बिजली, इलेक्ट्रॉनिक्स, उपभोक्ता और मेडिकल के साथ कई और सेक्टर की आवश्यकताओं को पूरा करेगा।

    एन चन्द्रशेखरन ने कहा कि

    भारत में कई सेक्टर है जिसमें चिप्स की आवश्यकता है। जाहिर है हम पहले दिन सभी फॉर्म फैक्टर का उत्पादन नहीं कर सकते हैं, लेकिन हम धीरे-धीरे सभी सेक्टर की सर्विस देंगे।

    उन्होंने जानकारी दी कि टाटा का चिप प्लांट 28 नैनोमीटर (एनएम) से 110 नैनोमीटर नोड्स में वेफर्स का प्रोडक्शन करने में सक्षम है। स्मार्टफोन, टैबलेट आदि जैसे हाई-टेक गैजेट्स के लिए मुख्य रूप से 3 एनएम, 7 एनएम और 14 एनएम जैसे छोटे नोड्स में चिप्स की आवश्यकता होती है।

    वह आगे कहते हैं कि इन प्लांट से बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा होंगी। वह कहते हैं कि हम असम में कम से कम 20,000- 22,000 नौकरियों जनरेट होने की संभावना है। हालांकि, इसमें समय लगेगा।

    चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी चिप उत्पादन की समयसीमा में तेजी ला रही है।

    आम तौर पर सेमीकंडक्टर संयंत्र में लगभग 4 साल लगता हैं। हमारा लक्ष्य कैलेंडर वर्ष 2026 में चिप्स का प्रोडक्शन करना है। उम्मीद है इस वर्ष के उत्तरार्ध में असम में यह काम पहले किया जा सकता है। हम असम में 2025 के अंत में भी कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू कर सकते हैं।

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