बैंक घोटाला कर भागे संदेसरा ब्रदर्स पर SC का फैसला, कोर्ट आपराधिक आरोप हटाने पर राजी, लेकिन रखी ये बड़ी शर्त
नितिन और चेतन संदेसरा, बैंक घोटाला करने के बाद भारत छोड़कर भाग गए थे, ये दोनों भाई 2018 के एक कानून के तहत 14 भगोड़े आर्थिक अपराधियों में शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट नितिन और चेतन संदेसरा के खिलाफ आपराधिक आरोपों को हटाने पर सहमत हो गया है, बशर्ते वे 1.6 अरब डॉलर के बैंक धोखाधड़ी मामले में अपनी बकाया राशि का एक तिहाई भुगतान कर दें।

नई दिल्ली। 14,500 करोड़ के स्टर्लिंग बॉयोटेक घोटाले को अंजाम देने वाले संदेसरा ब्रदर्स (Sandesara Brothers) को लेकर एक बड़ी खबर आई है। दरअसल, भारत का सर्वोच्च न्यायालय इनअरबपति भाइयों, नितिन और चेतन संदेसरा के खिलाफ आपराधिक आरोपों को हटाने पर सहमत हो गया है, बशर्ते वे 1.6 अरब डॉलर के बैंक धोखाधड़ी मामले में अपनी बकाया राशि का एक तिहाई भुगतान कर दें। सुप्रीम कोर्ट का यह कदम अन्य अपराधियों को भी इसी तरह के समझौते की तलाश करने के लिए प्रेरित कर सकता है।
घरेलू बैंक लोन का भुगतान नहीं करने का आरोप लगने के बाद नितिन और चेतन संदेसरा भारत छोड़कर भाग गए थे। गुजरात से ताल्लुक रखने वाले संदेसरा ब्रदर्स की कई कंपनियां थीं और वे दवाइयों से लेकर एनर्जी के कारोबार में सक्रिय थे। लेकिन, घोटाला (Sandesara Brothers Scam करने के बाद 2017 में अल्बानियाई पासपोर्ट पर भारत से भाग गए थे।
वेबसाइट पर लोड SC का आदेश
शुक्रवार को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पहली बार रिपोर्ट किया जा रहा है। इसमें भाइयों के वकील मुकुल रोहतगी के हवाले से कहा गया है कि वे 57 करोड़ डॉलर का समझौता करने को तैयार हैं और इसके लिए 17 दिसंबर की समय-सीमा तय की गई है।
रोहतगी ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल सभी कार्यवाही से छुटकारा पाने के लिए समझौता करने को तैयार हैं, आदेश में कहा गया है, और उन्होंने सभी कार्यवाहियों को रद्द करने का अनुरोध किया।
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रोहतगी ने रॉयटर्स के सवालों का तुरंत जवाब नहीं दिया। ये दोनों भाई 2018 के एक कानून के तहत 14 भगोड़े आर्थिक अपराधियों में शामिल हैं, जो संपत्ति ज़ब्त करने की अनुमति देता है। इस श्रेणी में अन्य नाम किंगफिशर एयरलाइंस के संस्थापक विजय माल्या और हीरा कारोबारी नीरव मोदी हैं।

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