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    ये हैं भारत की सबसे बड़ी दवा कंपनी के मालिक, मेडिकल स्टोर पर सीखा काम, ₹10000 से बनाया 4 लाख करोड़ का कारोबार

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 03:46 PM (IST)

    सफलता की यह कहानी, सन फार्मा कंपनी के फाउंडर दिलीप सांघवी की है, जिन्हें पिता की मेडिकल शॉप पर काम करके फार्मा कंपनी शुरू करने का आइडिया मिला। साल 198 ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। बिजनेस के लिए दो चीजें जरूरी हैं, पहला पैसा और दूसरा अनुभव। हालांकि, ज्यादातर लोग पैसों की कमी से परेशान रहते हैं तो कुछ लोग कम पैसों से बड़ा व्यापारिक साम्राज्य खड़ा कर लेते हैं। दिलीप सांघवी (Dilip Shanghvi Success Story), उन्हीं चुनिंदा उद्योगपति में से एक हैं जिन्होंने 40 साल पहले महज 10000 रुपये उधार लेकर अपना बिजनेस शुरू किया था और आज 4 लाख करोड़ से ज्यादा की कंपनी के मालिक हैं। देश की सबसे बड़ी फार्मा कंपनी, सन फार्मा (Sun Pharma Founder) के फाउंडर दिलीप सांघवी की सफलता की यह कहानी, लाखों युवा उद्यमियों के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।

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    खास बात है कि दिलीप सांघवी ने अपने पिता के बिजनेस को एक बड़ी और नामी कंपनी के तौर तब्दील कर दिया। दरअसल, दिलीप सांघवी के पिता एक फार्मा डिस्ट्रीब्यूटर थे, और साल 1983 में दिलीप सांघवी ने साइकियाट्रिक दवाएं बनाने के लिए सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज शुरू करने के लिए अपने पिता से $200 उधार लिए थे।

    मेडिकल शॉप से दिग्गज कंपनी बनने का सफर

    दिलीप सांघवी की कंपनी सन फार्मा, भारत की सबसे बड़ी फार्मा कंपनी होने के साथ-साथ मेडिकल सेक्टर में दुनिया की दिग्गज कंपनियों में भी शुमार है। दिलचस्प बात है कि इस नामी कंपनी की शुरुआत एक साधारण से मेडिकल स्टोर के साथ हुई।

    दरअसल, दिलीप सांघवी के पिता एक छोटी-सी फार्मेसी यानी मेडिकल शॉप चलाते थे, और बचपन से ही सांघवी दुकानदारी में अपने पिता की मदद करते थे। इस दौरान उन्होंने मेडिकल कारोबार के बारे में सीखा,और इसी सेक्टर में एक उद्यमी के तौर पर उन्होंने काम करना शुरू कर दिया।

    कैसे आया फार्मा कंपनी शुरू करने का ख्याल

    पिता के साथ मेडिकल शॉप पर काम करते समय दिलीप सांघवी ने देखा कि भारत में ज़्यादातर दवाएँ इम्पोर्ट की जाती थीं, और सस्ते विकल्प बहुत कम थे। यह देख वे अच्छी क्वालिटी की दवाएं कम कीमतों पर उपलब्ध कराकर इस हालात को बदलना चाहते थे। दिलीप सांघवी की यह सोच, सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज़ की शुरुआत का कारण बनी।

    10000 से 4 लाख करोड़ की कंपनी

    दिलीप सांघवी ने 1983 में अपने पिता से 10000 रुपये उधार लिए और गुजरात के वापी में सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज़ की शुरुआत की। कंपनी ने शुरुआत में मेंटल हेल्थ से जुड़ी बीमारियों के लिए 5 साइकियाट्रिक दवाएं बनाई और इसके बाद कंपनी ने लगातार फार्मा सेक्टर में तरक्की की। सन फार्मा ने पिछले कुछ सालों में विदेशी फार्मा कंपनियों का अधिग्रहण भी किया।

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    गांव से 100 देशों में पहुंचा दवा कारोबार

    कभी 10000 की पूंजी से शुरू हुई इस फार्मा कंपनी का मार्केट कैप अब 4 लाख करोड़ रुपये है। गुजरात के गांव से शुरू हुई सन फार्मा का कारोबार 100 देशों में फैल गया है। जेनेरिक दवाओं के मामले में सन फार्मा दुनिया में टॉप 4 नंबर की कंपनी है।

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