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    90 साल पुरानी कंपनी, कभी टाटा ग्रुप से जुड़ा था नाम; अब अदाणी हैं मालिक, नए साल में मिट जाएगा नामोनिशान

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 02:53 PM (IST)

    ACC सीमेंट कंपनी आजादी से भी पहले स्थापित हुई थी। 11 कंपनियों के विलय के बाद इसका गठन हुआ था। वर्तमान में, इस कंपनी के मालिक गौतम अडानी हैं। कंपनी का ...और पढ़ें

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    90 साल पुरानी कंपनी, कभी टाटा ग्रुप से जुड़ा था नाम; अब अदाणी हैं मालिक, नए साल में मिट जाएगा नामोनिशान

    नई दिल्ली। भारत के सबसे अमीर अरबपतियों की लिस्ट में आज गौतम अदाणी का नाम दूसरे नंबर पर है। अदाणी ग्रुप लगभग हर सेक्टर में अपना विस्तार कर रहा है। आज से कुछ साल पहले तक वह सीमेंट सेक्टर में नहीं था। लेकिन उसने इस सेक्टर में भी ऐसी एंट्री मारी की सीमेंट की दूसरे सबसे बड़े खिलाड़ी बन गए। उन्होंने भारत की सबसे पुरानी कंपनी को खरीदकर सीमेंट सेक्टर में तहलका मचाया था। आज अदाणी भारत की सबसे पुरानी सीमेंट कंपनी के मालिक हैं। आइए जानते हैं भारत की सबसे पुरानी सीमेंट कंपनी के बारे में जिसमें कभी टाटा ग्रुप की भी हिस्सेदारी थी। लेकिन आज वह कंपनी अदाणी सीमेंट की है।

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    एक सवाल यह है कि आखिर हम भारत के सबसे पुरानी सीमेंट कंपनी की कहानी आज ही क्यों बताने जा रहे हैं? दरअसल, अब उस कंपनी का इतिहास खत्म होने वाला है। क्योंकि अदाणी ग्रुप ने इसके मर्जर की मंजूरी दे दी है। यानी अब उसका नाम खत्म हो जाएगा।

    भारत की सबसे पुरानी सीमेंट कंपनी?

    भारत की सबसे पुरानी सीमेंट कंपनी ACC को माना जाता है। साल था 1936 का। उस समय मौजूदा सीमेंट कंपनियों ने मर्जर करने का फैसला किया। और एसोसिएटेड सीमेंट कंपनीज का गठन किया।

    ACC सीमेंट की शुरुआत भारत में 1936 में 11 मौजूदा भारतीय सीमेंट कंपनियों के मर्जर से हुई थी। इसे टाटा, खटाऊ और किलिक निक्सन जैसे ग्रुप के जाने-माने उद्योगपतियों ने मिलकर बनाया था, जिससे देश का पहला बड़ा सीमेंट ग्रुप बना जो राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए था, और सर नवरोजी बी. सकलतवाला इसके पहले चेयरमैन थे।

    टाटा ग्रुप की भी थी ACC में हिस्सेदारी

    टाटा समूह 1936 में ACC के बनने से लेकर 2000 तक इसके हेरिटेज और इतिहास से गहराई से जुड़ा हुआ था। टाटा समूह ने ACC में अपनी 14.45% हिस्सेदारी तीन चरणों में गुजरात अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड (GACL) की सब्सिडियरी कंपनियों को बेच दी, जो अब ACC में सबसे बड़ी सिंगल शेयरहोल्डर हैं।

    इससे ACC को GACL के साथ एक स्ट्रेटेजिक गठबंधन करने में मदद मिली। यह कंपनी सीमेंट इंडस्ट्री में अपनी ब्रांड इमेज और कॉस्ट लीडरशिप के लिए जानी जाती है।

    2022 में अदाणी ग्रुप ने ACC को था खरीदा

    अदाणी ग्रुप ने मई 2022 में होल्सिम से ACC लिमिटेड (और अंबुजा सीमेंट्स) में कंट्रोलिंग हिस्सेदारी हासिल की, और सितंबर 2022 में लगभग $10.5 बिलियन (₹6.4-6.6 बिलियन) में यह डील पूरी की। इसके लिए उन्होंने मॉरीशस-बेस्ड SPV (एंडेवर ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड) का इस्तेमाल करके होल्सिम का इंडिया बिजनेस खरीदा, जिससे अडानी होल्सिम की हिस्सेदारी लेकर और पब्लिक शेयरों के लिए ओपन ऑफर लॉन्च करके भारत की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट बनाने वाली कंपनी बन गई, और इसके लिए इंटरनेशनल बैंक लोन से फाइनेंस किया गया।

    अब अदाणी ग्रुप ने  ACC और ओरिएंट सीमेंट को अंबुजा सीमेंट्स में मर्ज करने का फैसला लिया है। यह फैसला अदाणी ग्रुप के सीमेंट कारोबार का एक स्ट्रक्चरल रीसेट है, जिससे बेहतर ऑपरेटिंग लेवरेज वाला एक सिंगल 'वन सीमेंट प्लेटफॉर्म' बनेगा, भले ही इस ट्रांजैक्शन से इक्विटी डाइल्यूशन होगा, जो मौजूदा अंबुजा शेयरहोल्डर्स के लिए EPS बढ़ाने वाला रहेगा।

    अदाणी ग्रुप का हिस्सा अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड ने सोमवार को कहा कि उसके बोर्ड ने ACC लिमिटेड और ओरिएंट सीमेंट लिमिटेड को अंबुजा में मिलाने के लिए अलग-अलग मर्जर योजनाओं को मंजूरी दे दी है। इस कदम का मकसद देश भर में बड़े पैमाने पर और ऑपरेशनल एफिशिएंसी के साथ एक सिंगल, मजबूत सीमेंट प्लेटफॉर्म बनाना है।

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