पी-नोट के जरिये निवेश के कड़े नियम लागू
मनी लांड्रिंग के जरिये शेयर बाजार में काले धन का इस्तेमाल रोकने के लिए सेबी सेबी ने इसके संबंध में सर्कुलर जारी किया है। ...और पढ़ें

नई दिल्ली, प्रेट्र। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने शेयर बाजार में पी-नोट यानी पार्टीसिपेटरी नोट के जरिये निवेश के लिए केवाईसी (नो योर कस्टमर) और घोषणा संबंधी कड़े नियम लागू कर दिए हैं।
सेबी के बोर्ड द्वारा नए नियमों को मंजूरी दिए जाने के बाद लागू किया गया है। काले धन पर स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) से मिले सुझावों के आधार पर नए नियम बनाए गए हैं। ये नियम लागू करने का मकसद मनी लांड्रिंग के जरिये शेयर बाजार में काले धन का इस्तेमाल रोकना है। बोर्ड द्वारा मंजूर किए गए प्रस्तावों पर कदम बढ़ाते हुए सेबी ने इसके संबंध में सर्कुलर जारी किया है।
इससे ऑफशोर डेरिवेटिव्स इंस्ट्रूमेंट (ओडीआइ) यानी पी-नोट के जरिये निवेश करने पर मूल निवेशक और उसके धन के बारे में पूरी जानकारी देना आवश्यक होगा। पी-नोट के जरिये विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजारों में आसानी से कम खर्च पर निवेश कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर के तौर पर पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं होती है।
नए नियमों के तहत ओडीआइ के जरिये निवेश करने वाले सभी निवेशकों को भारतीय केवाईसी और एंटी मनी लांड्रिंग नियमों का पालन करना होगा, भले ही वे किसी भी देश में रहते हों। ओडीआइ जारीकर्ताओं को कोई संदेहास्पद ट्रांजेक्शन मिलने पर इसकी रिपोर्ट भारतीय वित्तीय सतर्कता इकाई को देनी होगी। अभी ओडीआइ धारकों की जानकारी हर महीने सेबी को देना अनिवार्य है। नए नियमों के अनुसार ओडीआइ के बारे में सभी तरह के ट्रांसफर ट्रांजेक्शन की जानकारी भी मासिक रिपोर्ट में सेबी को देना अनिवार्य होगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।