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पी-नोट्स पर नए नियमों से छटपटाए निवेशक

सेबी ने पी-नोट्स नियमों में की कड़ाई जिससे भारतीय बाजार में निवेशकों में बेचैनी का माहौल छा गया है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Fri, 20 May 2016 09:44 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2016 11:01 PM (IST)

नई दिल्ली, प्रेट्र। पूंजी बाजार नियामक सेबी के पी-नोट्स निवेश नियमों को कड़ा करने के बाद भारतीय बाजार में इसके जरिये निवेश करना दुनिया में सबसे मुश्किल बन गया है। इससे निवेशकों में छटपटाहट दिखाई दे रही है। माना जा रहा है कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के कडे़ नियमों के चलते भारत में पी-नोट्स के जरिये निवेश करना महंगा हो जाएगा। विदेशी निवेशक पी-नोट्स को निवेश की खातिर इसीलिए पसंद करते थे कि यह काफी सस्ता और आसान था।

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दलाल स्ट्रीट को लगा पी-नोट्स का झटका,गिरावट जारी

नए नियमों के तहत विदेशी निवेश के इस अहम इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल करने वालों को अब भारत में मनी लांड्रिंग कानूनों का हर हाल में पालन करना होगा। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआइआइ) और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआइ को अपनी ओर से जारी किए गए इन डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट की स्थिति के बारे में पूरा ब्योरा देना होगा।

पी-नोट्स जारी करने वाले को यह बताना होगा कि उसका आखिरी लाभार्थी कौन है। उसके बारे में पूरी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा उसे केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) नियमों का पालन करना होगा। देश के पूंजी बाजार में पी-नोट्स के जरिये 2.23 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। यह कुल विदेशी निवेश प्रवाह का 10 फीसद के आसपास है, जबकि वर्ष 2007 में यह 56 फीसद तक पहुंच गया था।

भारत में नियम अब सबसे सख्त

पी-नोट्स के मामले में नियमों में ताजा बदलावों से भारतीय बाजार में निवेश का नियामक ढांचा विश्व के किसी भी अन्य विकसित और विकासशील देश के मुकाबले अधिक सख्त बन गया है। सेबी के विश्लेषण में बात सामने आई है कि चीन, ताइवान, कोरिया, जर्मनी, ब्रिटेन और अमेरिका सहित कई देशों में ऑफशोर डेरिवेटिव्ज इंस्टू्रमेंट्स (ओडीआइ) को इस मामले में छूट प्राप्त है। यानी वायदा एवं विकल्प कारोबार में निवेश साधनों के लिए केवाईसी नियमों के तहत पी-नोट्स के आखिरी लाभार्थी के बारे में ब्योरा देना जरूरी नहीं है।

क्या हैं पी-नोट्स

पी-नोट्स ऐसा इंस्ट्रूमेंट है, जिसके जरिये कोई विदेशी निवेशक भारत में पंजीकरण के बिना यहां निवेश कर सकता है। इसके लिए वह पहले से रजिस्टर्ड एफआइआइ या एफपीआइ द्वारा जारी पी-नोट्स में निवेश करता है। ये पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक या विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक पी-नोट्स से मिली रकम को घरेलू बाजार में लगाते हैं।

जारी करने वाले नियम पालन को तैयार

नई दिल्ली : सेबी की ओर से पी-नोट्स के नियम कड़ा करने के बाद निवेशकों की बेचैनी को लेकर सरकार ने सफाई दी है। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि इस विदेशी इंस्ट्रूमेंट को जारी करने वाले नियमों का पालन करने के लिए तैयार हैं। पी-नोट्स जारी करने वाली 37 फर्मे या संस्थाएं भारतीय पूंजी बाजार में निवेश से जुड़ी हुई हैं।


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