Campa Cola: कभी मार्केट में राज करता था कैंपा कोला ब्रांड, क्या अब सॉफ्ट ड्रिंक कंपनियों को दे पाएगा टक्कर
Campa Cola रिलायंस इस साल दिवाली तक कैंपा कोला को फिर से लॉन्च कर सकती है। इसे रिलायंस के रिटेल स्टोर्स जियो मार्ट और करीब 15 लाख किराना नेटवर्क के जरिए बेचा जाएगा। इसके बाद पेप्सी कोका कोला और थम्स अप जैसे ब्रांड्स को तगड़ी चुनौती मिल सकती है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। 1991 में भारत में उदारीकरण की शुरुआत के बाद गायब हो गए सॉफ्ट ड्रिंक ब्रांड कैंपा कोला का नाम एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) जल्द ही इस ब्रांड को फिर से बाजार में उतार सकती है। तेजी से बढ़ते हुए उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) के कारोबार में रिलायंस रिटेल की इंट्री के बाद कंपनी द्वारा लिया जाने वाला यह एक अहम फैसला है।
रिलायंस रिटेल के इस फैसले के बाद एक जमाने में चर्चित स्वदेशी सॉफ्ट ड्रिंक ब्रांड कैंपा कोला एक फिर चर्चा में आ गया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 22 करोड़ रुपये में दिल्ली के प्योर ड्रिंक ग्रुप से इस ब्रांड का अधिग्रहण भी कर लिया है। कैंपा कोला उन गिने चुने कोल्ड ड्रिंक ब्रांड्स में से एक है, जिसका स्वाद ग्राहकों को पसंद आया और इसी वजह से इसने सालों तक बाजार पर राज किया था।
कैंपा कोला की कहानी
आजादी के दो साल बाद ही 1949 में अमेरिकी सॉफ्ट ड्रिंक कंपनी कोका कोला की भारतीय बाजार में एंट्री हो गई थी। शुरुआत में अमीर लोगों के बीच पकड़ बनाने के बाद कंपनी ने आम लोगों के बीच जाना शुरू किया और 1970 तक आते-आते देश में आम लोगों की जुबान पर कोका कोला का स्वाद चढ़ गया।
1977 में तत्कालीन जनता सरकार ने कोला कोला से फॉर्मूला शेयर करने को कहा, लेकिन कंपनी ने ऐसा करने से मना कर दिया और भारत से कारोबार समेट लिया। सरकार ने कोका कोला की सफलता को भुनाने के लिए अपना एक सॉफ्ट ड्रिंक डबल सेवन (77) नाम से बाजार में उतारा। हालांकि इसे लेकर ग्राहकों ने कोई रुचि नहीं दिखाई।
वहीं, दूसरी तरफ भारत में कोका कोला का बॉटलिंग प्लांट चलाने वाली प्योर ड्रिंक (PURE DRINKS) पर भी संकट के बादल मंडराने लगे और तकरीबन 2800 कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। फिर कंपनी के मालिक चरणजीत सिंह ने खुद की सॉफ्ट ड्रिंक बनाने का फैसला किया, जिसे कैंपा कोला नाम दिया गया। कैंपा कोला ने लॉन्चिंग के बाद ही अपनी खास जगह बना ली। इसका मुकाबला उस समय केवल Thumps Up जैसे ब्रांड से था।
ऐसे हुआ बाजार से गायब
1989 में पेप्सी और फिर 1991 में उदारीकरण के बाद भारत में कोला कोला ने एक बाद फिर से भारतीय बाजार में कदम रखा। इन कंपनियों ने बड़े स्तर पर विज्ञापन दिए और जबरदस्त मार्केटिंग कैंपेन चलाए, जिसके बाद धीरे-धीरे कैंपा कोला बाजार से बाहर होती चली गई। 2001 में कंपनी ने दिल्ली में बॉटलिंग प्लांट और ऑफिस को बंद किया और 2009 में कंपनी का कारोबार केवल हरियाणा में सिमटकर रहा गया। 2012 आते-आते यह पूरी तरह से बंद हो गया।
दिवाली तक होगी वापसी
इस साल दिवाली तक कैंपा कोला को रिलायंस फिर से लॉन्च कर सकती है। इसे रिलायंस के रिटेल स्टोर्स, जियो मार्ट और करीब 15 लाख किराना नेटवर्क के जरिए बेचा जाएगा। रिलायंस रिटेल की इस पहल के बाद बाजार में मौजूद सॉफ्ट ड्रिंक ब्रांड्स जैसे पेप्सी, कोका कोला, लिम्का, थम्स अप को बड़ी चुनौती मिल सकती है। रिलायंस सस्ती दरों पर सामान बेचने का ऐलान पहले ही कर चुका है। उसके पास ग्राहकों का एक मजबूत आधार भी है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि बाकी ब्रांड्स इस चुनौती से कैसे निपटते हैं।
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