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    Stock Market Crash: लगातार पांच दिन गिरावट... आखिर किस खौफ में है शेयर बाजार?

    भारतीय शेयर बाजार लगातार पांच कारोबारी सत्रों में गिरावट के साथ बंद हुआ। इन पांच सत्रों के दौरान सेंसेक्स 4091.53 अंक या 4.98 प्रतिशत और निफ्टी 1180.8 अंक या 4.76 प्रतिशत टूट चुके हैं। इस दौरान निवेशकों की संपत्ति में 18.43 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है। अब बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण घटकर 440.99 लाख करोड़ रुपये या 5.18 ट्रिलियन डॉलर रह गया है।

    By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Fri, 20 Dec 2024 07:41 PM (IST)
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    भारतीय बाजार ज्यादा मूल्यांकन और आय में कम वृद्धि से जूझ रहे हैं।

    जेएनएन, नई दिल्ली। अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख, विदेशी निवेशकों की निकासी से बढ़ते बिकवाली के दबाव के चलते घरेलू शेयर बाजार शुक्रवार को लगातार पांचवें सत्र में भी गिरावट के साथ बंद हुए। इन पांच सत्रों के दौरान बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स 4,091.53 अंक या 4.98 प्रतिशत और एनएसई का मानक सूचकांक निफ्टी 1,180.8 अंक या 4.76 प्रतिशत टूट चुके हैं।

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    इस दौरान निवेशकों की संपत्ति में 18.43 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है। अब बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण घटकर 440.99 लाख करोड़ रुपये या 5.18 ट्रिलियन डॉलर रह गया है।

    बीएसई सेंसेक्स में शुक्रवार को 1,176.46 अंक की गिरावट रही और यह 79 हजार के स्तर से नीचे गिरकर 78,041.59 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार के दौरान यह 1,343.46 अंक गिरकर 77,874.59 के निचले स्तर तक पहुंचा था। इसी तरह, एनएसई का निफ्टी 364.20 अंक गिरकर 23,587.50 पर बंद हुआ।

    जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कम कटौती ने वैश्विक बाजार की धारणा पर प्रतिकूल असर डाला है। फेडरल रिजर्व के रुख को मंदी का दृष्टिकोण माना जा रहा है जो विशेष रूप से घरेलू बाजार को प्रभावित कर रहा है।

    भारतीय बाजार पहले से ही ज्यादा मूल्यांकन और आय में कम वृद्धि से जूझ रहे हैं। स्मॉल और मिडकैप सूचकांकों के शेयरों में बड़ी गिरावट के साथ व्यापक बिकवाली हुई है। दोनों सूचकांकों का मूल्यांकन ऐतिहासिक शिखर पर है।

    निवेशकों में घबराहट के कारण सभी शेयरों में गिरावट आई है। रुपये के मुकाबले डॉलर में लगातार मजबूती के कारण विदेशी निवेशक भारतीय इक्विटी बाजारों से दूर होकर सुरक्षित डॉलर परिसंपत्तियों में निवेश कर रहे हैं। इससे भारतीय निवेशकों में घबराहट बनी हुई है जिसके कारण सभी शेयरों में गिरावट आई है। निवेशक अगले साल जनवरी के मध्य में कार्यभार संभालने के बाद ट्रंप की व्यापार नीतियों को लेकर भी आशंकित हैं, क्योंकि उनकी आक्रामक नीतियों से वैश्विक बाजारों में और उथल-पुथल मच सकती है।

    प्रशांत ताप्से, वरिष्ठ उपाध्यक्ष-शोध, मेहता इक्विटीज लिमिटेड

    दो अरब डॉलर घटा विदेशी मुद्रा भंडार

    इस सप्ताह देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 1.988 अरब डॉलर की गिरावट रही है। आरबीआई की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 13 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में कुल विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 652.969 अरब डॉलर रह गया है।

    इसी वर्ष सितंबर में विदेशी मुद्रा भंडार 704.885 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा था। आंकड़ों के अनुसार, इस सप्ताह विदेशी मुद्रा आस्तियां 3.047 अरब डॉलर घटकर 562.576 अरब डॉलर रही हैं। हालांकि, स्वर्ण भंडार 1.21 अरब डॉलर बढ़कर 68.056 अरब डॉलर हो गया है।

    रुपये में 10 पैसे की मजबूती

    डॉलर इंडेक्स में नरमी और आरबीआई की ओर से संभावित हस्तक्षेप के चलते भारतीय रुपये में शुक्रवार को 10 पैसे की मजबूती रही और यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सर्वकालिक निचले स्तर से उबरते हुए 85.03 पर आकर बंद हुआ।

    विदेशी मुद्रा कारोबारियों का कहना है कि डॉलर की मांग ज्यादा रहने के कारण निकट भविष्य में रुपये में कमजोरी बने रहने की संभावना है। गुरुवार को रुपया 19 पैसे गिरकर डॉलर के मुकाबले पहली बार 85 के पार जाकर 85.13 के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था।

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