इंडिगो पर क्यों भड़कीं जिंदल शॉ की एमडी स्मिनू जिंदल, चाचा नवीन ने भी जमकर लताड़ा; क्या है पूरा मामला?
इंडिगो एयरलाइन पर जिंदल शॉ की एमडी स्मिनू जिंदल ने अपनी कस्टम व्हीलचेयर तोड़ने का आरोप लगाया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एयरलाइन की लापरवाही पर नाराजगी जताई। नवीन जिंदल ने भी इस घटना की निंदा की है। इंडिगो ने माफी मांगी है, लेकिन यूजर्स एयरलाइन की दिव्यांग यात्रियों के प्रति असंवेदनशीलता की आलोचना कर रहे हैं। यह घटना एयरलाइनों में दिव्यांगों के प्रति संवेदनशीलता की कमी को दर्शाती है।
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इंडिया की घटिया सर्विस ने नाराज हुईं स्मिनू जिंदल, नवीन जिंदल ने एयरलाइन को जमकर फटकारा।
नई दिल्ली| देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइन- इंडिगो (IndiGo), जिसके पास वर्तमान में एक्टिव विमानों की संख्या 435 से ज्यादा है। वह एक बार फिर अपनी घटिया सर्विस को लेकर चर्चा में है। इंडस्ट्रियल परिवार जिंदल ग्रुप की सदस्य और कुरुक्षेत्र से सांसद नवीन जिंदल की भतीजी स्मिनू (Sminu Jindal) जिंदल की कस्टम व्हीलचेयर तोड़ दी, जो इस्तेमाल करने लायक भी नहीं बची। इस घटना को लेकर जिंदल शॉ की एमडी स्मिनू जिंदल ने एयरलाइन पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,
"मैं गोवा से इंडिगो फ्लाइट 6E 6264 से दिल्ली लौटी। मेरी कस्टम-मेड व्हीलचेयर, जो मेरी स्पाइनल इंजरी के लिए खास तौर पर बनाई गई थी, वो मुझे पूरी तरह मुड़ी मिली, जो इस्तेमाल के लायक ही नहीं रही। यह सिर्फ मेरी परेशानी नहीं, बल्कि हजारों दिव्यांग यात्रियों का बार-बार झेला जाने वाला दर्द है।"
I was returning from Goa on 10th Oct 2025 after celebrating the @purplefestgoa — a festival that honours the freedom, independence & dignity of persons with disabilities.
— Sminu Jindal (@SminuJindal) October 12, 2025
On my @IndiGo6E flight 6E 6264 (Goa–Delhi), my custom wheelchair — built specifically for my spinal cord…
स्मिनू बोलीं- स्टाफ को सही ट्रेनिंग दो
स्मिनू ने कहा कि व्हीलचेयर सिर्फ एक उपकरण नहीं होती, यह हमारी स्वतंत्रता, हमारी गरिमा और हमारी चलने-फिरने की आजादी का प्रतीक है। उन्होंने एयरलाइनों से अपील की कि विमान में व्हीलचेयर के लिए सुरक्षित और समर्पित जगह बनाई जाए और स्टाफ को ऐसी स्थितियों के लिए सही प्रशिक्षण दिया जाए।
उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू को टैग करते हुए लिखा कि सहायक उपकरणों की सुरक्षा अनिवार्य है। किसी की जिंदगी और वर्षों की कमाई इस पर निर्भर करती है।
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नवीन जिंदल बोले- बेटी के साथ जो हुआ, वो...
इस घटना पर उनके चाचा नवीन जिंदल (Naveen Jindal) ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा,
"मेरी बेटी के साथ जो हुआ, वह बहुत चिंताजनक है और यह एक बड़े व्यवस्थागत मुद्दे को दर्शाता है। व्हीलचेयर केवल गतिशीलता का साधन नहीं है, यह गरिमा और स्वतंत्रता का प्रतीक है। एयरलाइंस को सहायक उपकरणों को अत्यंत सावधानी और सम्मान के साथ संभालना चाहिए। अब मजबूत प्रोटोकॉल और बेहतर संवेदनशीलता प्रशिक्षण का समय आ गया है।"
What happened with my daughter @SminuJindal is deeply concerning and reflects a larger systemic issue.
— Naveen Jindal (@MPNaveenJindal) October 12, 2025
A wheelchair is not just mobility, it represents dignity and independence. Airlines must handle assistive devices with utmost care and respect.
It’s time for stronger… https://t.co/KXBA0jkDoN
एयरलाइन बोली- हमने संपर्क किया, लेकिन...
इस पूरी घटना को लेकर इंडिगो ने सोशल मीडिया पर माफी मांगी। एयरलाइन ने लिखा,
"हमें आपके द्वारा अनुभव की गई असुविधा के लिए खेद है। हम सहायक उपकरणों के महत्व को समझते हैं और आपको आश्वस्त करते हैं कि हम आपके लिए आवश्यक किसी भी सहायता प्रदान करने के लिए उपलब्ध हैं। हमारी एयरपोर्ट टीम ने तुरंत सहायता प्रदान करने का प्रयास किया था, जिसमें एक वैकल्पिक व्हीलचेयर प्रदान करना और हर संभव आराम सुनिश्चित करना शामिल था। हमने आपसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन आपसे संपर्क नहीं हो पाया।"
Ma’am, we are concerned to learn of your experience and sincerely regret the inconvenience caused. We always strive to ensure the utmost care for assistive devices and assure you that the matter is being reviewed diligently. We have been trying to reach you to address this at the…
— IndiGo (@IndiGo6E) October 12, 2025
इंडिगो ने दावा किया कि एयरपोर्ट स्टाफ ने तुरंत विकल्प व्हीलचेयर मुहैया कराई और मदद दी। हालांकि, सोशल मीडिया पर यूजर्स का कहना है कि इंडिगो जैसी एयरलाइंस दिव्यांग यात्रियों की सुविधाओं के प्रति बेहद लापरवाह हैं।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब इंडिगो पर ऐसी लापरवाही के आरोप लगे हों। इससे पहले भी कंपनी कई बार दिव्यांग यात्रियों के साथ असंवेदनशील व्यवहार को लेकर विवादों में रह चुकी है। यह मामला एक बार फिर उस बड़ी समस्या को सामने लाता है, जिसमें एयरलाइनों के पास दिव्यांग यात्रियों की जरूरतों के प्रति संवेदनशीलता और बुनियादी व्यवस्था की भारी कमी है।
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