...जब RBI गवर्नर राजन ने पूछा, आप बताएं कहां कम हुई महंगाई
रघुराम राजन ने कहा कि उनके ऊपर आलोचकों ने जो आरोप लगाए हैं। वह सिर्फ बकवास है।
मुंबई, प्रेट्र। अपने आलोचकों को आड़े हाथों लेते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने चुनौती दी कि कोई उनकी नीतियों पर सवाल उठाने से पहले ये बताए कि कैसे मुद्रास्फीति काफी कम हो गई है। उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर ये आरोप कि सिर्फ महंगाई को काबू में लाने पर ही ध्यान केन्द्रित किया गया है ना कि आर्थिक वृद्धि पर ऐसी आलोचना सिर्फ बकवास है।
राजन को अक्सर सरकार और उनकी नीतियों के आलोचक के तौर पर देखा गया है। उन्होंने आगे कहा कि आर्थिक रिकवरी को लेकर काफी निराशा है। हालांकि, इसके लिए उन्होंने दो बार सूखा, वैश्विक आर्थिक मंदी और ब्रेक्जिट के चलते पड़नेवाली बाहरी प्रभाव को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि इतनी बाधाओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। साथ ही, अच्छा मॉनसून, संरचनात्मक सुधार और व्यापक आर्थिक स्थिरता अर्थव्यवस्था को बढ़ने में और गति देगा।
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संवाददाताओं से बातचीत में राजन वित्तीय समावेशन समेत कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव के अंदर बैंक का ब्रांच होना ऐसा संभव नहीं है क्योंकि ये काफी खर्चीला साबित होगा। लेकिन, आरबीआई अन्य विकल्प जैसे मोबाइल ब्रांच और मिनी या माइक्रो ब्रांच पर भी विचार कर रहा है।
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रघुराम राजन को अक्सर उनके आलोचक ऊंचे ब्याज दर की वजह से उन्हें कठघरे में खड़ा करते हैं। इसके साथ ही, आलोचक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) को लेकर उन्हें आर्थिक वृद्धि में रूकावट के लिए भी जिम्मेदार बताते हैं।
उन्होंने कहा, "जो भी उनकी नीति को लेकर आलोचना की जाती है उसका कोई आर्थिक आधार नहीं होता है। पिछले हफ्ते आपने देखा सीपीआई नंबर देखा, 5.8 फीसदी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक था। लेकिन हमारा पॉलिसी रेट 6.5 फीसदी था।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि वास्तव में वह इन बातों पर ध्यान ही नहीं देते हैं। इसके आगे उन्होंने कहा कि जो लोग कहते हैं कि जो लोग ब्याज दरें कम करने की बात करते हैं पहले वो इस बात को बताएं कि क्या महंगाई काफी कम हो चुकी है।