Sharpe Ratio Explainer: कितना सुरक्षित और फायदेमंद है आपका निवेश, बताता है यह जादुई फॉर्मूला; समझें फायदे वाली बात
What is Sharpe Ratio यह एक आसान फॉर्मूला है जो बताता है कि आपका निवेश कितना सुरक्षित है और कितना फायदा दे रहा है। यह सिर्फ रिटर्न ही नहीं बल्कि उस रिटर्न के पीछे के रिस्क का भी अंदाजा लगाता है। निवेशक इसका इस्तेमाल इसलिए करते हैं ताकि वे पता लगा सकें कि पैसा कहां इंवेस्ट करना है और कहां नहीं।

नई दिल्ली| What is sharpe ratio : क्या आप आपने पैसे को सही जगह निवेश करना चाहते हैं, लेकिन जोखिम से डरते हैं? तो चिंता छोड़ दें, क्योंकि 'शार्प रेशियो' (Sharpe Ratio) आपके लिए एक आसान तरीका लेकर आया है। यह आपको बताएगा कि आपका निवेश कितना सुरक्षित और फायदेमंद है। इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं शार्प रेशियो के बारे में हर एक डिटेल, ताकि आप अपने पैसे को समझदारी से इन्वेस्ट करें और उसे समझदारी से बढ़ा सकें। तो चलिए जानते हैं कि आखिर क्या होता है शार्प रेशियो, इसका इस्तेमाल कैसे करें ?
क्या होता है Sharpe Ratio ?
यह एक आसान फॉर्मूला है, बताता है कि आपका निवेश कितना सुरक्षित है और कितना फायदा दे रहा है। यह सिर्फ रिटर्न ही नहीं, बल्कि उस रिटर्न के पीछे के रिस्क का भी अंदाजा लगाता है। निवेशक इसका इस्तेमाल इसलिए करते हैं ताकि वे पता लगा सकें कि पैसा कहां इंवेस्ट करना है और कहां नहीं।
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Sharpe Ratio कैसे कैलकुलेट करें?
Sharpe Ratio calculation : इसे कैलकुलेट करना काफी आसान है। इसके लिए रिस्क-फ्री रिटर्न (जैसे-सरकारी बॉन्ड) को आपके फंड के रिटर्न से घटाएं। फिर इस अंतर को फंड की वोलैटिलिटी (जोखिम) से डिवाइड करें। मान लीजिए कि एक म्यूचुअल फंड 12% का रिटर्न देता है और रिस्क-फ्री रेट 6% है, तो वोलैटिलिटी 10% है। इसका मतलब है कि हर 0.6 यूनिट रिस्क पर 1 यूनिट रिटर्न मिल रहा है। यानी (Sharpe Ratio = निवेश का औसत रिटर्न - जोखिम मुक्त दर / निवेश के रिटर्न का स्टैंडर्ड डेविएशन )
शार्प रेशियो को ऐसे समझें
- 0 से 2.0 तक: अच्छा माना जाता है।
- 2.0 से ऊपर: बहुत अच्छा, जोखिम के मुकाबले शानदार रिटर्न।
- 0 से कम: सावधानी बरतने की जरूरत, क्योंकि रिस्क ज्यादा है।
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कैसे करें इस्तेमाल?
जब आप किसी म्यूचुअल फंड का चुनाव कर रहे हों तो शार्प रेशियो को जरूर देंखें। इसे आसान भाषा में समते हैं। मान लीजिए कि दो फंड्स 15% रिटर्न देते हैं, लेकिन एक का शार्प रेशियो 1.1 और दूसरे का 0.8 है, तो पहला फंड बेहतर है। अस्थिर बाजारों में ये रेशियो आपको सही फैसला लेने में मदद करता है।
क्या करें निवेशक?
अगर आप कहीं इन्वेस्ट कर रहे हैं तो शार्प रेशियो को ध्यान में रखें। हाई शार्प रेशियो वाला फंड चुनें, जो रिस्क के साथ अच्छा रिटर्न दे। साथ ही, अन्य खर्चों जैसे फंड मैनेजमेंट फीस पर भी नजर रखें। इससे आपकी कमाई और बढ़ सकती है।
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