अमेरिका-चीन की नहीं पड़ेगी जरूरत! मदरबोर्ड से कैमरा मॉड्यूल तक... भारत खुद बनाकर ऐसे बचाएगा 20 हजार करोड़
सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों (Electronics Manufacturing) के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक योजना के अंतर्गत सात प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इस कदम से इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में वृद्धि (Electronics Industry Growth), निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ने की उम्मीद है। सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जाए।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रानिक्स उपकरण मैन्यूफैक्चरिंग योजना के तहत सात प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को बताया कि इस योजना के तहत 249 प्रस्ताव मिले थे।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अभी प्रिंटेड सर्किट बोर्ड या मदरबोर्ड बेस, कैमरा माड्यूल, कापर लेमिनेट और पालीप्रोपाइलीन फिल्म की मैन्यूफैक्चरिंग के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इन प्रस्तावों से 5,532 करोड़ रुपये के निवेश और 5,195 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। उन्होंने भरोसा जताया कि इन परियोजनाओं से आयात बिल में 20 हजार करोड़ रुपये की कमी आएगी।
योजना के तहत पहली बार विदेशी टेक्नोलाजी भागीदार के बिना भारत में कैमरा माड्यूल बनाए जाएंगे। यह माड्यूल स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटाप और सीसीटीवी में इस्तेमाल किए जा सकते हैं। वैष्णव ने कहा कि भारत के निर्यात बास्केट में इलेक्ट्रानिक्स जल्द ही दूसरी बड़ी श्रेणी बन जाएगी।
सिरमा स्ट्रैटेजिक इलेक्ट्रॉनिक्स की 765 करोड़ रुपये की परियोजना से 6,900 करोड़ रुपये के पीसीबी और एसआरएफ की 496 करोड़ रुपये की परियोजना से 1,311 करोड़ रुपये के पॉलीप्रोपिलीन फिल्म का उत्पादन होगा।
यह पहला मौका होगा जब कैमरा मॉड्यूल भारत में किसी विदेशी प्रौद्योगिकी साझेदारी के बगैर तैयार किए जाएंगे। इन मॉड्यूल का उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, टैबलेट और सीसीटीवी कैमरों में किया जा सकेगा। वैष्णव ने कहा कि मंजूर परियोजनाओं से देश की कुल पीसीबी मांग का लगभग 27 प्रतिशत और कैमरा मॉड्यूल की मांग का 15 प्रतिशत घरेलू स्तर पर पूरा किया जा सकेगा। वहीं, कॉपर लैमिनेट और पॉलीप्रोपिलीन फिल्म जैसे कलपुर्जे भारत में पहली बार बनेंगे और ये 100 प्रतिशत घरेलू जरूरत को पूरा करेंगे।
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इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सचिव एस. कृष्णन ने कहा कि स्वीकृत परियोजनाओं में कुल 5,532 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है और इनसे करीब 5,195 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। कृष्णन के मुताबिक, इस योजना के तहत अब तक कुल 1.15 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
ईसीएमएस योजना के पहले चरण की समयसीमा 30 सितंबर को खत्म हो गई थी लेकिन पूंजीगत उपकरणों के लिए आवेदन की खिड़की फिलहाल खुली हुई है। यह योजना देश में घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पारिस्थितिकी को मजबूत करने और वैश्विक आपूर्ति शृंखला में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

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