बैंकिंग सेवा से जुड़ी शिकायतों में इजाफा, शिकायतों के निपटारे में भी अधिक समय लगने लगा: RBI
बैंकिंग व अन्य संबंधित सेवाओं से जुड़ी शिकायतों में इजाफा देखने को मिला है। तेजी से बढ़ोतरी के साथ चालू वित्त वर्ष में बैंक से संबंधित सभी शिकायतों की कुल संख्या 3.08 लाख तक पहुंच गई है। आरबीआइ रिपोर्ट।
नई दिल्ली, पीटीआइ। बैंकिंग व अन्य संबंधित सेवाओं से जुड़ी शिकायतों में इजाफा देखने को मिला है। तेजी से बढ़ोतरी के साथ चालू वित्त वर्ष में बैंक से संबंधित सभी शिकायतों की कुल संख्या 3.08 लाख तक पहुंच गई है। सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 20 फीसद से भी अधिक के साथ एटीएम व डेबिट कार्ड से संबंधित शिकायतें सबसे ज्यादा आई।
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मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग से जुड़ी समस्याओं की तादाद 13.38 फीसद
मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग से जुड़ी समस्याओं की तादाद 13.38 फीसद रही। खराब बैंकिंग सेवा से जुड़ी समस्याओं की संख्या तीसरे पायदान पर रही। डायरेक्ट सेल्स एजेंट व रिकवरी एजेंट से संबंधित परेशानियों की तादाद बढ़कर 1,406 हो गई। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के मामले में शिकायतों की संख्या बढ़कर 2,481 हो चुकी है।
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इस वर्ष कम आई भारतीय स्टेट बैंक से शिकायतें
देश के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) से शिकायतें हालांकि इस वर्ष कम आई। दूसरी तरफ शिकायतों के निपटारे में पहले जहां औसतन 47 दिन लगते थे वहीं अब यह 95 दिनों का समय लग रहा है। आरबीआइ के डिप्टी गवर्नर एमके जैन ने कहा कि कोरोना से उत्पन्न चुनौतियों के बीच डिजिटल ट्रांजैक्शन बढ़ने से इससे संबंधित समस्याओं में भी बढ़ोतरी हुई है। इसे दूर करने की दिशा में रिजर्व बैंक प्रयासरत है।
डिजिटल लेंडिंग में 1,500 से अधिक शिकायतें
डिजिटल माध्यम से लोन की प्रक्रिया में 1,509 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। संसद में इसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इनमें 1,019 शिकायतें गैर-पंजीकृत स्रोत से जुड़े हैं, जबकि 490 एनबीएफसी से संबंधित हैं।