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    सेमीकंडक्टर की पढ़ाई के लिए बनेंगे कई डिप्लोमा और डिग्री कोर्स; 1,00,000 नए टेक्नीशियन होंगे ट्रेंड

    देश में AI के बाद अब semiconductor की पढ़ाई के लिए डिप्लोमा और डिग्री कोर्स बनाए जाएंगे। इंडिया सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम वर्कफोर्स डेवलपमेंट स्ट्रेटजी रिपोर्ट में एक विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत किया गया है जिसमें बताया गया है कि कैसे स्कूल स्तर से ही इस क्षेत्र में छात्रों की रुचि को बढ़ाते हुए डिप्लोमा स्नातक और परास्नातक स्तर के पाठ्यक्रम शुरू किए जा सकते हैं।

    By Jitendra Sharma Edited By: Ankit Kumar Katiyar Updated: Wed, 13 Aug 2025 09:02 PM (IST)
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    सेमीकंडक्टर की पढ़ाई के लिए बनेंगे कई डिप्लोमा और डिग्री कोर्स।

    नई दिल्ली| Semiconductor Study in India : आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की चुनौतियों से निपटने के लिए उसे स्कूली स्तर से ही शिक्षा में शामिल करने की योजना बना चुकी सरकार ने ऐसी ही तैयारी सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए भी की है।

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    इंडिया सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम वर्कफोर्स डेवलपमेंट स्ट्रेटजी रिपोर्ट में एक विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत किया गया है, जिसमें बताया गया है कि कैसे स्कूल स्तर से ही इस क्षेत्र में छात्रों की रुचि को बढ़ाते हुए डिप्लोमा, स्नातक और परास्नातक स्तर के पाठ्यक्रम शुरू किए जा सकते हैं।

    कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की इस रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि स्कूली छात्रों को सेमीकंडक्टर क्षेत्र से परिचित कराने से उनमें तकनीक और इंजीनियरिंग में करियर बनाने की प्रारंभिक रुचि पैदा हो सकती है। इस क्षेत्र में बुनियादी ज्ञान से लेकर उन्नत विषयों तक छात्रों का मार्गदर्शन करने की जरूरत है।

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    विशेषज्ञों ने अनुशंसा की है कि उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए परियोजना-आधारित शिक्षण पाठ्यक्रम विकसित किए जाएं, जिन्हें स्नातक पाठ्यक्रमों और इंटर्नशिप में शामिल किया जाना चाहिए। स्नातकोत्तर छात्रों के लिए भी ऐसे पाठ्यक्रमों पर विचार किया जाना चाहिए।

    एआइसीटीई और विश्वविद्यालयों को सेमीकंडक्टर समस्याओं पर केंद्रित पाठ्यक्रम माड्यूल बनाने के लिए सहयोग करना चाहिए। सेमीकंडक्टर कंपनियों के साथ साझेदारी की जा सकती है।

    "सेमीकंडक्टर विकास में नए पाठ्यक्रम शुरू हों"

    रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एआइसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त निकायों को स्वयं (स्टडी वेब्स आफ एक्टिव-लर्निंग फार यंग एस्पायरिंग माइंड्स) प्लेटफार्म के अंतर्गत सेमीकंडक्टर विकास में नए पाठ्यक्रम शुरू करने चाहिए। शैक्षणिक पेशेवरों और उद्योग के अग्रणी लोगों के लिए कौशल उन्नयन और संकाय विकास कार्यक्रम भी आवश्यक हैं।

    एआइसीटीई प्रमुख सेमीकंडक्टर विशेषज्ञों के साथ मिलकर इन पाठ्यक्रमों को डिजाइन कर सकता है। संकाय विकास कार्यक्रमों में कार्यशालाएं, प्रमाणन और प्रशिक्षण सत्र शामिल होंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि शिक्षक कोर्स पढ़ाने के लिए सक्षम हों। उद्योग जगत के पेशेवरों को भी निरंतर कौशल विकास के लिए इन कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। 

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    रिपोर्ट में साथ ही विशेष रूप से, वीएलएसआइ (वैरी लार्ज स्केल इंटीग्रेशन) डिजाइन में एक विशेष डिग्री शुरू करने की सिफारिश की गई है। यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि इंजीनिय¨रग के पहले दो वर्षों में बुनियादी सेमीकंडक्टर पाठ्यक्रम शामिल करने की जरूरत है। सेमीकंडक्टर डिजाइन के वैकल्पिक पाठ्यक्रम तीसरे और चौथे वर्ष में पेश किए जाने चाहिए और अंतिम वर्ष के दौरान व्यावहारिक प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। 

    1,00,000 नए टेक्नीशियन होंगे प्रशिक्षित

    कौशल विकास मंत्रालय से अपेक्षा की गई है कि प्रशिक्षुता और तकनीकी शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से 1,00,000 नए तकनीशियनों को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे सेमीकंडक्टर से संबंधित क्षेत्रों में स्नातकों की संख्या तीन गुना बढ़ जाएगी। टियर-2 और टियर-3 कालेजों के छात्रों के लिए रीस्किलिंग और अपस्किलिंग कार्यक्रम शुरू करने के लिए स्वयं और दीक्षा जैसे वर्चुअल प्लेटफार्म का उपयोग किया जाए। 

    इसके लिए एआइसीटीई विभिन्न जटिल स्तर वाले डिजिटल माड्यूल तैयार करेगा जो सेमीकंडक्टर की बुनियादी बातों से लेकर उन्नत विषयों को कवर करेंगे। इस रिपोर्ट को जारी करते हुए कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयन्त चौधरी ने इसे महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार इस दिशा में गंभीरता से कार्य करेगी।