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    Hindenburg Row: कौन हैं सेबी चीफ के पति धवल बुच, हिंडनबर्ग रिसर्च के खुलासों पर क्या दी सफाई?

    Updated: Sun, 11 Aug 2024 12:54 PM (IST)

    अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में सेबी चीफ माधवी पुरी बुच और उनके पति पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। लेकिन बुच दंपती ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि सेबी के सवालों का जवाब देने के बजाय हिंडनबर्ग रिसर्च उलटे-सीधे आरोप लगा रहा है। अदाणी ग्रुप ने भी हिंडनबर्ग के आरोपों को दुर्भावनापूर्ण बताया है।

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    बुच दंपती ने कहा कि पूरी पारदर्शिता के लिए हम सही समय पर विस्तृत बयान जारी करेंगे।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को मार्केट रेगुलेटर सेबी की मौजूदा चीफ माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। हिंडनबर्ग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से दावा किया कि माधवी बुच और उनके पति की उस ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी, जिसका इस्तेमाल अदाणी ग्रुप (Adani Group) में धन की हेराफेरी के लिए किया गया।

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    हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, बरमूडा और मॉरीशस में स्थित इन फंडों पर कथित तौर पर गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद अदाणी का नियंत्रण था। इनका इस्तेमाल फंड में हेरफेर करने और स्टॉक की कीमतों को बढ़ाने के लिए किया जाता था। अब हिंडनबर्ग के आरोपों पर सेबी चीफ और अदाणी ग्रुप ने स्पष्टीकरण जारी किया है।

    सेबी चीफ ने क्या स्पष्टीकरण दिया

    सेबी चीफ माधवी बुच और उनके पति धवल बुच ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि उनका वित्तीय लेन-देन एक खुली किताब की तरह है, जो हमेशा से सबके सामने है। बुच दंपती ने एक संयुक्त बयान में कहा, 'सेबी ने गैरकानूनी बातों के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ एक्शन लिया है और उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया है। लेकिन, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी के सवालों का जवाब देने के बजाय हमारा चरित्र हनन करने की कोशिश की है।'

    बुच दंपती ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सेबी को सभी जरूरी वित्तीय रिकॉर्ड उपलब्ध कराए जा चुके हैं और उन्हें किसी भी अथॉरिटी के सामने अपना कोई भी वित्तीय दस्तावेज पेश करने में कोई एतराज नहीं। इसमें वे दस्तावेज भी शामिल हैं, जो उनके सेबी चीफ बनने से पहले के हैं। बुच दंपती ने यह भी कहा कि हम पूरी पारदर्शिता के लिए सही समय पर विस्तृत बयान जारी करेंगे।

    कौन हैं माधवी पुरी बुच के पति

    हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सेबी चीफ के पति धवल बुच खुद को खरीद और सप्लाई चेन के सभी पहलुओं में गहरा अनुभव रखने वाला बताते हैं। उन्होंने पहले कभी रियल एस्टेट या कैपिटल मार्केट में किसी फंड के लिए काम नहीं किया। फिर भी वह जुलाई 2019 में ग्लोबल प्राइवेट इक्विटी फर्म और भारत के लिए बड़ी निवेशक ब्लैकस्टोन में "वरिष्ठ सलाहकार" के तौर पर शामिल हो गए।

    धवल बुच ने IIT दिल्ली से 1984 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल बताती है कि वह फिलहाल ब्लैकस्टोन और अल्वारेज एंड मार्सल में वरिष्ठ सलाहकार हैं। वह 2019 से जुलाई 2019 तक वह ब्रिस्टलकोन के सीईओ और महिंद्रा समूह के लिए ग्रुप टेक्नोलॉजी के इंटरिम प्रेसिडेंट भी थे। इन सबसे पहले उन्होंने यूनिलीवर में साल 2006 में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर का पद संभाला। वह जून 2019 तक कंपनी से जुड़े रहे। उनकी यूनिलीवर में उनकी आखिरी भूमिका चीफ प्रोक्योरमेंट ऑफिसर की थी।

    अदाणी ग्रुप ने आरोपों पर क्या कहा

    अदाणी ग्रुप ने भी हिंडनबर्ग रिसर्च के हालिया आरोपों को 'दुर्भावनापूर्ण' करार देते हुए खारिज कर दिया। कंपनी ने हिंडनबर्ग के नए दावों की निंदा करते हुए कहा कि वह उन्हीं आरोपों को फिर से दोहरा रहा है, जिनकी पहले ही पोल खुल चुकी है और सुप्रीम कोर्ट ने भी मार्च 2023 में गहन जांच के बाद उसे खारिज कर दिया था।

    अदाणी ग्रुप के प्रवक्ता ने 11 अगस्त जारी बयान में जोर देकर कहा, 'हम फिर से इस बात को स्पष्ट करते हैं कि हमारी विदेशी होल्डिंग संरचना पूरी तरह से पारदर्शी है। इसमें सभी प्रासंगिक विवरण नियमित रूप से कई सार्वजनिक दस्तावेजों में बताए जाते हैं।'

    क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च

    हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) अमेरिका की एक शॉर्ट सेलर रिसर्च कंपनी है। यह वित्तीय अनियमितता वाली कंपनियों के खिलाफ रिपोर्ट लाती है और जब उनके शेयरों में गिरावट होती है, तो उसे बेचकर पैसे कमाती है। इसकी नींव साल 2017 में नाथन एंडरसन ने रखी थी। उन्होंने अपनी कंपनी को हिंडनबर्ग एयरशिप का नाम दिया है, जो साल 1937 में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में 35 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बारे में माना जाता है कि यह नियमों की अनदेखी के चलते हुआ और अगर समय पर जरूरी कदम उठाए जाते, तो इसे टाला जा सकता था।

    यही वजह है कि नाथन एंडरसन ने अपनी कंपनी का नाम हिंडनबर्ग रखा। एंडरसन का दावा है कि उनकी कंपनी व्हिसलब्लोअर की तरह काम करती है। वह कंपनियों की वित्तीय गड़बड़ियों और अनियमितताओं को सामने लाती है, जिनके बारे में निवेशकों नहीं पता होता। इसका मकसद लोगों को शेयर बाजार में वित्तीय हादसे से बचाना है।

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