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    Hindenburg: हिंडनबर्ग ने सेबी प्रमुख माधबी पर लगाए आरोप, कहा- अदाणी घोटाले में इस्तेमाल कंपनियों में थी हिस्सेदारी

    हिंडनबर्ग ने शनिवार को एक ब्लॉग पोस्ट में आरोप लगाया कि अदाणी समूह की कंपनियों में हेरफेर के लिए इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट आफशोर (विदेश में स्थित) फंड में माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की हिस्सेदारी थी। शार्ट-सेलर फर्म ने आरोप लगाया कि सेबी ने अदाणी के मारीशस और आफशोर शेल संस्थाओं के कार्रवाई में रुचि नहीं दिखाई है।

    By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Sun, 11 Aug 2024 05:41 AM (IST)
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    हिंडनबर्ग ने सेबी प्रमुख माधबी और उनके पति पर लगाए आरोप

    पीटीआई, दिल्ली। 18 महीने पहले अदाणी समूह पर आरोप लगाकर शेयर बाजारों में उथल-पुथल मचाने वाला हिंडनबर्ग रिसर्च एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। पिछले सारे आरोपों को जांच के आधार पर सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है। अब अमेरिका की शार्ट-सेलर फर्म ने सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच को लेकर सवाल उठाए हैं।

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    हिंडनबर्ग ने शनिवार को एक ब्लॉग पोस्ट में आरोप लगाया कि अदाणी समूह की कंपनियों में हेरफेर के लिए इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट आफशोर (विदेश में स्थित) फंड में माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की हिस्सेदारी थी। शार्ट-सेलर फर्म ने आरोप लगाया कि सेबी ने अदाणी के मारीशस और आफशोर शेल संस्थाओं के कार्रवाई में रुचि नहीं दिखाई है।

    चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति के पास हिस्सेदारी

    व्हिसल ब्लोअर दस्तावेजों का हवाला देते हुए हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा है कि अदाणी समूह की कंपनियों में धन के हेरफेर के लिए इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट आफशोर फंड में सेबी की वर्तमान चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति के पास हिस्सेदारी थी।

    हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले वर्ष जारी रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद अदाणी अस्पष्ट आफशोर बरमूडा और मारीशस फंड को नियंत्रित करते हैं और इनका इस्तेमाल पैसों की हेराफेरी और शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए किया गया था।

    सेबी ने अपनी जांच में अदाणी के आफशोर शेयरधारकों के वित्तपोषण की कोई जानकारी नहीं दी

    सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि सेबी ने अपनी जांच में अदाणी के आफशोर शेयरधारकों के वित्तपोषण की कोई जानकारी नहीं दी है। अगर सेबी वास्तव में ऑफशोर फंडधारकों को ढूंढना चाहता था, तो शायद अपने चेयरपर्सन से जांच शुरू कर सकता था। हमें इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि सेबी ऐसी जांच करने में अनिच्छुक था, जो उसे अपने चेयरपर्सन तक ले जा सकता था।

    हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि आइआइएफएल की ओर से हस्ताक्षरित फंड घोषणा के अनुसार निवेश का स्त्रोत वेतन है और दंपति की कुल संपत्ति एक करोड़ डालर आंकी गई है। इस संबंध में सेबी ने तत्काल कोई टिप्पणी नहीं दी है।

    बता दें कि जनवरी 2023 में जारी रिपोर्ट में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी समूह पर विदेशी कंपनियों का इस्तेमाल करके अपना राजस्व बढ़ाने और शेयरों की कीमतों में हेरफेर करने और कारपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला करने का आरोप लगाया था। हालांकि, समूह ने सभी आरोपों का जोरदार खंडन किया था।