Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सुप्रीम कोर्ट ने स्थगित की अदाणी- हिंडनबर्ग पर सुनवाई, SEBI को जवाब देने का दिया निर्देश

    सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी मंगलवार को अदाणी- हिंडनबर्ग मामले में याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही सेबी को भी जबाव देने के लिए निर्देश दिया है। बता दें कि विशेषज्ञ समिति की अदालत में दाखिल रिपोर्ट में दिए गए सुझावों पर बाजार नियामक SEBI ने अपने जवाब सोमवार को ही दाखिल कर दिए थे। आइये जानते हैं क्या है पूर मामला...

    By Jagran NewsEdited By: Ankita PandeyUpdated: Tue, 11 Jul 2023 07:31 PM (IST)
    Hero Image
    SEBI directed to deliver its reply in Adani Hindenburg matter by Supreme court

    नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अदाणी- हिंडनबर्ग मामले में याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित कर दी और सिक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया (सेबी) को शीर्ष कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों पर अपना जवाब वितरित करने का निर्देश दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सेबी की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि विशेषज्ञ समिति की अदालत में दाखिल रिपोर्ट में दिए गए सुझावों पर बाजार नियामक ने अपने जवाब सोमवार को ही दाखिल कर दिए थे। इस पर प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्र की पीठ ने सवाल किया, 'जांच की क्या स्थिति है?

    स्टाक की कीमतों में हेराफेरी

    मेहता ने बताया कि शीर्ष अदालत ने मई में सेबी को अदाणी समूह द्वारा स्टाक की कीमतों में हेराफेरी के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए 14 अगस्त तक का दिया था और जांच अभी जारी है। सेबी के जवाब के बारे में अदालत ने कहा कि वह उसे नहीं मिला है और उचित होगा कि वह ममले से जुड़े अन्य कागजात के साथ उन्हें वितरित कर दें।

    अदालत ने कहा कि संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध कुछ अन्य याचिकाओं पर सुनवाई खत्म होने के तत्काल बाद इस मामले की सुनवाई की जाएगी।

    मजबूत पॉलिसी की है दरकार

    सेबी ने एक्सपर्ट कमेटी से सिफारिश की है कि एक मजबूत और सभी को स्वीकार्य सेटेलमेंट पॉलिसी बनाई जानी चाहिए। जिसकी मदद से यह निर्धारित किया जा सकें कि किसी समझौते में या सेटेलमेंट में किसी नियम का उल्लंघन किया गया हो।

    इसके साथ ही सिक्योरिटी कानूनों का उल्लंघन करने पर उनसे निपटने के लिए कई रेगुलेटरी अप्रोच लेने की भी हिदायत दी गई। इसके अलावा धोखाधड़ी  से बचने और इसकी पहचान करना आसान बने के लिए एक विशेष क्लॉज की परिभाषा को विस्तार करने के लिए कहा गया है।