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    ITR Form: सभी करदाताओं के लिए आएगा समान आइटीआर फार्म

    व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आइटीआर-1 और आइटीआर-4 जारी रहेंगे लेकिन सीबीडीटी ने सभी हितधारकों से 15 दिसंबर तक प्रस्ताव पर सुझाव मांगे है। अभी विभिन्न वर्गों के करदाताओं के लिए सात प्रकार के आइटीआर फार्म प्रचलन में हैं।

    By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Tue, 01 Nov 2022 10:25 PM (IST)
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    मौजूदा सातों फार्म को मिलाकर बनाया जाएगा नया आइटीआर फार्म

    नई दिल्ली, पीटीआई। वित्त मंत्रालय करदाताओं को बड़ी राहत देने जा रहा है। मंत्रालय ने सभी प्रकार के करदाताओं के लिए समान आयकर रिटर्न (आइटीआर) फार्म लाने का प्रस्ताव पेश किया है। इस फार्म में वर्चुअल डिजिटल असेट्स से होने वाली आय की अलग से जानकारी दी जा सकेगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) का कहना है कि प्रस्तावित समान आइटीआर फार्म में ट्रस्ट और गैर-लाभकारी संगठनों को छोड़कर सभी प्रकार के करदाता रिटर्न फाइल कर सकेंगे। इस प्रस्ताव पर सीबीडीटी ने सभी हितधारकों से 15 दिसंबर तक सुझाव मांगे हैं। अभी विभिन्न वर्गों के करदाताओं के लिए सात प्रकार के आइटीआर फार्म प्रचलन में हैं।

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    रिटर्न फाइलिंग में लगने वाले समय में आएगी कमी

    सीबीडीटी ने कहा कि आइटीआर-1 और आइटीआर-4 फार्म जारी रहेंगे, लेकिन व्यक्तिगत करदाता रिटर्न फाइल करते समय नए समान आइटीआर फार्म का विकल्प भी चुन सकेंगे। बोर्ड ने कहा कि इस प्रस्ताव का मकसद आइटीआर फाइलिंग को आसान बनाना और रिटर्न फाइलिंग में लगने वाले समय में कमी लाना है।

    नए समान फार्म में करदाताओं को आयकर से जुड़ी उन अनुसूचियों को देखनी की आवश्यकता नहीं होगी, जो उन पर लागू नहीं होती हैं। इसके अलावा करदाताओं को आयकर विभाग के पास उपलब्ध तीसरे पक्ष के डाटा के उचित मिलान की सुविधा भी मिलेगी। इससे करदाताओं पर अनुपालन बोझ कम करने में मदद मिलेगी।

    अभी किसके लिए कौन सा आइटीआर फार्म

    आइटीआर-1 (सहज) और आइटीआर-4 (सुगम) सामान्य आइटीआर फार्म हैं। अधिकांश छोटे और मध्यम करदाता इन्हीं फार्म के जरिये आइटीआर फाइल करते हैं। वेतन, एक घर या ब्याज आदि से 50 लाख रुपये तक की आय वाले करदाता सहज फार्म के जरिये आइटीआर फाइल करते हैं। कारोबार या प्रोफेशन के जरिये 50 लाख रुपये तक की आय वाले हिंदू अविभाजित परिवार और फर्म आइटीआर-4 के जरिये रिटर्न फाइल करते हैं।

    आवासीय संपत्ति से आय वाले करदाता आइटीआर-2 के जरिये रिटर्न फाइल करते हैं। कारोबार या प्रोफेशन की कमाई से लाभ कमाने वाले आइटीआर-3 के जरिये रिटर्न फाइल करते हैं। एलएलपी आइटीआर-5 और कारोबार आइटीआर-6 के जरिये रिटर्न फाइल करती हैं। आइटीआर-7 के जरिये ट्रस्ट रिटर्न फाइल करती हैं।

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