भारत में 2024 में 9.5 प्रतिशत बढ़ेगा कर्मचारियों का वेतन: सर्वेक्षण
नई रिपोर्ट में जानकारी सामने आई है कि 2024 में वेतन में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। यह 2023 की वास्तविक वेतन वृद्धि 9.7 प्रतिशत से थोड़ा कम है। सर्वे में करीब 45 उद्योगों की 1414 कंपनियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक वेतनवृद्धि भारत में जारी है। इसके बाद बांग्लादेश और इंडोनेशिया में 2024 में वेतन वृद्धि हुई है।

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत में इस साल कर्मचारियों के वेतन में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है। यह 2023 की वास्तविक वेतन वृद्धि 9.7 प्रतिशत से थोड़ा कम है। वित्तीय संस्थानों, इंजीनियरिंग, आटोमोटिव और जीवन विज्ञान में सबसे अधिक वेतनवृद्धि की पेशकश की संभावना है, जबकि खुदरा तथा प्रौद्योगिकी परामर्श व सेवाओं में सबसे कम वेतन वृद्धि का अनुमान है।
वैश्विक पेशेवर सेवा कंपनी एआन पीएलसी के वार्षिक वेतनवृद्धि और कारोबार सर्वेक्षण 2023-24 भारत के अनुसार, वैश्विक महामारी के बाद 2022 में उच्च वेतनवृद्धि के बाद भारत में वेतन वृद्धि एक अंक यानी 10 प्रतिशत से कम पर स्थिर हो गई है।
नौकरी छोड़ने की दर में कमी
सर्वे में करीब 45 उद्योगों की 1,414 कंपनियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। भू-राजनीतिक तनाव के बीच प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक वेतनवृद्धि भारत में जारी है। इसके बाद बांग्लादेश और इंडोनेशिया में 2024 में क्रमश: 7.3 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत औसत वेतन वृद्धि हुई है। सर्वे में पता चला कि नौकरी छोड़ने की दर 2022 के 21.4 प्रतिशत से गिरकर 2023 में 18.7 प्रतिशत हो गई।
सर्वे में कहा गया है कि छंटनी में कमी संगठनों के लिए अनुकूल है, जिससे उन्हें क्षमता में सुधार और उत्पादकता बढ़ाने के लिए संसाधनों को निर्देशित करने की अनुमति मिलती है, जिससे एक सकारात्मक चक्र बनता है।
2023 में संगठनों ने एक चुनौतीपूर्ण माहौल को पार किया, उच्च नौकरी छोड़ने की दर के बीच एक औसत वेतन वृद्धि को संतुलित किया।
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इन इंडस्ट्री में होगी वेतन वृद्धि
एरिया वाइज, वित्तीय संस्थानों, इंजीनियरिंग, ऑटोमोटिव और जीवन विज्ञान में सबसे अधिक वेतन वृद्धि की संभावना है, जबकि खुदरा और प्रौद्योगिकी परामर्श और सेवाओं में सबसे कम वेतन वृद्धि देखी जाएगी।
सर्वेक्षण में आगे कहा गया है कि दुनिया आज भी आर्थिक अनिश्चितता और संघर्ष जैसे अल्पकालिक जोखिमों से जूझ रही है, जिसके बढ़ने का खतरा है।
इसके अलावा, वैश्विक कार्यबल एआई/एमएल के प्रभाव के रूप में संभवत सबसे बड़े व्यवधान के कगार पर है। ऐसे में प्रतिभाशाली पेशेवरों को लोगों के लिए ऐसी रणनीतियां तैयार करने की आवश्यकता होगी जो लचीलापन बनाने में मदद करें।
भारतीय कार्यबल पर एजेंसी ने कहा कि भारत के पास दुनिया के लिए पैमाने और क्षमता का एक अनूठा प्रस्ताव है और शुरुआती संकेतों से संकेत मिलता है कि यह एआई/एमएल के नेतृत्व वाले व्यवधान की अगली लहर में सबसे आगे होगा।
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