दुनिया मान रही भारत का लोहा, आ गई ट्रंप और जिनपिंग को टेंशन देने वाली रिपोर्ट, Fitch और S&P ने ऐसा क्या कहा
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी S&P और Fitch ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपनी रिपोर्ट्स जारी की हैं। जहां, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की जीडीपी के 2026 में 6. ...और पढ़ें

नई दिल्ली। भारत की अर्थव्यवस्था पर दो अहम रिपोर्ट आई हैं, और दोनों रेटिंग एजेंसी S&P और Fitch ने जारी की है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की जीडीपी के 2026 में 6.7 प्रतिशत, 2027 में सात प्रतिशत और 2028 में 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है। वहीं, क्रेडिट निर्धारित करने वाली एजेंसी फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की आर्थिक विकास दर के अनुमान को 6.9 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया है।
एसएंडपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कम महंगाई और मजबूत श्रम बाजार ज्यादातर विकासशील बाजार में कंज्यूमर खर्च को प्रोत्साहित करता रहेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसे-जैसे अमेरिका और चीन में वृद्धि दर धीमी पड़ रही है, वैसे-वैसे उभरते बाजार अपनी मजबूती का सिलसिला जारी रखे हुए हैं।
Fitch ने रिपोर्ट में क्या कहा
उधर, क्रेडिट एजेंसी फिच ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उपभोक्ता खर्च में वृद्धि और जीएसटी सुधारों के साथ बेहतर धारणा के कारण वृद्धि अनुमान को बढ़ाया गया है। फिच की यह रिपोर्ट एक दिन बाद (पांच दिसंबर) को मौद्रिक नीति समिति की बैठक से पहले आई है। बाजार और अर्थशास्ति्रयों को उम्मीद है कि इस बैठक में आरबीआइ भी फिच की तरह चालू वित्त वर्ष की जीडीपी ग्रोथ अनुमान को ऊपर की ओर संशोधित कर सकता है। वर्तमान में आरबीआइ का अनुमान 6.5-6.7 प्रतिशत के दायरे में है, जिसे सात प्रतिशत से ऊपर ले जाया जा सकता है।
भारतीय इकोनॉमी में लगातार सुधार
फिच की ग्लोबल इकोनमिक आउटलुक रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई-सितंबर तिमाही में 8.2 प्रतिशत की जीडीपी ग्रोथ अप्रैल-जून की 7.8 प्रतिशत से भी तेज है और यह भारतीय इकोनमी में हो रहे लगातार सुधार को दर्शाता है। हालांकि एजेंसी का मानना है कि इस वित्त वर्ष के बाकी महीनों में विकास दर में कुछ नरमी आएगी, लेकिन पूरे साल का औसत 7.4 प्रतिशत रहेगा। हालांकि फिच का यह अनुमान है कि इसके बाद के वित्त वर्ष (2026-27) में इस विकास दर की तेजी को बनाए रखना मुश्किल होगा और भारत की विकास दर तब घटकर 6.4 प्रतिशत पर आ सकती है।
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फिच ने महंगाई की मौजूदा स्थिति को देखते हुए आरबीआइ की तरफ से ब्याज दरों में एक और कटौती किए जाने की संभावना जताई है। भारत में अभी खुदरा महंगाई की दर रिकार्ड निचले स्तर 0.3 प्रतिशत पर है। फिच मानती है कि इससे दिसंबर में एक बार फिर रेपो रेट में कटौती की गुंजाइश बनेगी। 2025 में अब तक रेपो रेट में 100 आधार अंक (एक प्रतिशत) की कटौती हो चुकी है और दिसंबर में इसे 5.25 प्रतिशत तक लाया जा सकता है।

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