'जीएसटी सुधार अमेरिकी टैरिफ के बुरे असर को कम करने में करेगा मदद', IMF ने भारत के आर्थिक विकास पर कही ये बात
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष यानी 2025-26 के लिए भारत की आर्थिक विकास दर के 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है। साथ ही आइएमएफ ने यह भी कहा है कि जीएसटी सुधारों से देश को अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के बुरे असर से बचाने में मदद मिल सकती है।

'जीएसटी सुधार अमेरिकी टैरिफ के बुरे असर को कम करने में करेगा मदद', IMF (फोटो- रॉयटर)
पीटीआई, न्यूयॉर्क। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष यानी 2025-26 के लिए भारत की आर्थिक विकास दर के 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है। साथ ही आइएमएफ ने यह भी कहा है कि जीएसटी सुधारों से देश को अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के बुरे असर से बचाने में मदद मिल सकती है।
बता दें कि वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में जीडीपी 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। हालांकि आइएमएफ ने वित्त वर्ष 2026-27 में यह घटकर 6.2 प्रतिशत रह जाएगी। आइएमएफ ने कहा है कि बाहरी मुश्किलों के बावजूद घरेलू हालात अच्छे होने से आर्थिक वृद्धि मजबूत रहने की उम्मीद है।
आइएमएफ ने कहा कि आर्थिक परिदृश्य के लिए छोटे समय के लिए बड़े जोखिम हैं। अच्छी बात यह है कि नए व्यापार समझौते और घरेलू स्तर पर सुधार को तेजी से लागू करने से निर्यात, निजी निवेश और रोजगार बढ़ सकते हैं।
आइएमएफ ने भू-राजनीतिक तनाव के और गहराने से वित्तीय हालात और मुश्किल होने की चेतावनी भी दी है। अगर ऐसा होता है कि इनपुट कास्ट बढ़ेगी और ट्रेड, एफडीआइ और विकास दर कम हो सकती है।
इतना ही नहीं मौसम के खराब होने से फसल की पैदावार पर असर पड़ सकता है और गांव की खपत पर असर पड़ सकता है और महंगाई का दबाव एक बार फिर से बढ़ सकता है। हालांकि, सकल मुद्रास्फीति के नियंत्रण में रहने की उम्मीद है।

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