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    Rule Change: डेबिट-क्रेडिट कार्ड नेटवर्क समेत आज से बदल गए ये नियम, ऑनलाइन गेमिंग और कसीनो पर 28 प्रतिशत GST

    प्रत्येक महीने की पहली तारीख से कई नियमों में बदलाव होता है। आज यानी एक अक्टूबर से कई बदलाव होने जा रहे हैं। इसमें आनलाइन गेमिंग कसीनो और घुड़दौड़ पर ज्यादा जीएसटी से लेकर डेबिट-क्रेडिट कार्ड का नेटवर्क चुनने की सुविधा से जुड़े बदलाव शामिल हैं। कुछ बदलावों से आपकी जेब पर बोझ बढ़ेगा तो कुछ बदलावों से सहूलियत भी होगी।

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sun, 01 Oct 2023 06:40 AM (IST)
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    एक अक्टूबर से बदल जाएंगे ये नियम। (फोटो- जागरण ग्राफिक्स)

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक महीने की पहली तारीख से कई नियमों में बदलाव होता है। आज यानी एक अक्टूबर से कई बदलाव होने जा रहे हैं। इसमें आनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर ज्यादा जीएसटी से लेकर डेबिट-क्रेडिट कार्ड का नेटवर्क चुनने की सुविधा से जुड़े बदलाव शामिल हैं। कुछ बदलावों से आपकी जेब पर बोझ बढ़ेगा तो कुछ बदलावों से सहूलियत भी होगी। आज से होने वाले प्रमुख बदलावों पर बिजनेस डेस्क की रिपोर्ट

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    मोबाइल नंबर की तरह बदल सकेंगे क्रेडिट-डेबिट कार्ड का नेटवर्क

    एक अक्टूबर से सभी क्रेडिट, डेबिट और प्रीपेड कार्डधारक अपना नेटवर्क बदल सकेंगे। यह बिलकुल मोबाइल नंबर का नेटवर्क बदलने के समान होगा। नए नियम के तहत वीजा कार्डधारक अपने कार्ड के लिए मास्टरकार्ड या रूपे या अन्य नेटवर्क का चयन कर सकेंगे और इसके लिए उनको खाता आदि बदलने की आवश्यकता नहीं होगी। न ही कार्डधारक की क्रेडिट हिस्ट्री में कोई बदलाव होगा।

    इस बदलाव से लोगों को अपनी पसंद का नेटवर्क चुनने में मदद मिलेगी। बैंक और वित्तीय कंपनियां अपने कार्डधारकों को नेटवर्क बदलने का विकल्प उपलब्ध कराएंगे। भारत में इस समय पांच कार्ड नेटवर्क हैं। इसमें अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प, डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल, मास्टरकार्ड एशिया, एनपीसीआइ-रूपे और वीजा व‌र्ल्डवाइड पीटीई लिमिटेड शामिल हैं।

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    विदेश यात्रा में सात लाख से ज्यादा खर्च पर अधिक कर

    अब विदेश यात्रा में ज्यादा पैसा खर्च करने पर अधिक कर भी देना पड़ेगा। एक अक्टूबर के बाद विदेश यात्रा में सात लाख से अधिक खर्च पर 20 प्रतिशत टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह) देना होगा। इसी तरह आरबीआई की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के तहत विदेश धन भेजने पर पांच के बजाए 20 प्रतिशत टीसीएस देना होगा। हालांकि, विदेश में शिक्षा या इलाज के लिए सात लाख रुपये से ज्यादा भेजने पर लगने वाले कर की दरों में कोई बदलाव नहीं है। इसके अलावा आनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर एक अक्टूबर से 28 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।

    महंगी हो सकती हैं सीएनजी-पीएनजी

    सरकार ने अक्टूबर माह के लिए प्राकृतिक गैस के मूल्य को बढ़ाकर 9.20 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) कर दिया है, जो सितंबर में 8.60 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू था। प्राकृतिक गैस का यह मूल्य 31 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा। गैस वितरण कंपनियां इस मूल्य वृद्धि का भार उपभोक्ताओं पर डालने के लिए सीएनजी और पीएनजी के मूल्य में बढ़ोतरी कर सकती हैं। सीएनजी का इस्तेमाल वाहनों में किया जाता है, जबकि पीएनजी का इस्तेमाल घरों में खाना बनाने के लिए किया जाता है।

    दोपहिया-चारपहिया का मूल्य बढ़ेगा

    कई वाहन निर्माता कंपनियों ने एक अक्टूबर से अपने वाहनों के मूल्य में एक अक्टूबर से बढ़ोतरी की घोषणा की है। इसमें दोपहिया और चारपहिया वाहन निर्माता कंपनियां शामिल हैं। मूल्य में यह वृद्धि वाहन के मॉडल के अनुसार अलग-अलग होगी। इसका मतलब यह है कि आज से दोपहिया या चारपहिया खरीदने के लिए उपभोक्ताओं को ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा।

    पांच वर्षीय आरडी पर मिलेगा ज्यादा ब्याज

    अक्टूबर-दिसंबर 2023 के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर तय हो गई है। पांच वर्षीय रिकरिंग डिपॉजिट (आरडी) के ब्याज को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत किया गया है। यानी इसके ब्याज में 20 आधार अंक की वृद्धि की गई है। अन्य छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर को सितंबर तिमाही के समान रखा गया है।

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    निलंबित हो सकते हैं छोटी बचत योजनाओं के खाते

    देश में बड़ी संख्या में लोग पीपीएफ, एनएससी, सुकन्या समृद्धि जैसी छोटी योजनाओं में निवेश करते हैं। इन बचत योजनाओं के खातों को सक्रिय बनाए रखने के लिए खाताधारकों को 30 सितंबर तक अपना पैन और आधार का विवरण देना अनिवार्य था। ऐसा नहीं करने वालों के खातों को एक अक्टूबर के बाद निलंबित किया जा सकता है। खाताधारक अपने बैंक या डाकघर शाखा में इस संबंध में जानकारी ले सकते हैं।

    जन्म प्रमाण पत्र का बढ़ेगा दायरा

    केंद्र सरकार ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण कानून में संशोधन किया है। संशोधित नियम एक अक्टूबर से प्रभावी हो जाएंगे। नए नियम लागू होने से जन्म प्रमाण पत्र का दायरा बढ़ जाएगा। आधार बनवाने, ड्राइ¨वग लाइसेंस बनवाने, वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने, शिक्षण संस्थान में प्रवेश, शादी के पंजीकरण व सरकारी नौकरी पाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र एकल प्रमाण पत्र के तौर पर मान्य होगा।

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