Rice Production : भारत के किस राज्य में होता है सबसे ज्यादा चावल; जानें उत्तर प्रदेश, बिहार का नंबर
भारत में खरीफ फसलों का सीजन चल रहा है और धान की बुआई जोरों पर है। भारत चावल के सबसे बड़े उत्पादकों (India Rice Production) में से एक है। पश्चिम बंगाल लगभग 15 मिलियन मीट्रिक टन के साथ सबसे बड़ा चावल उत्पादक राज्य है। चलिए जानते हैं कि अन्य राज्यों का क्या हाल है।

नई दिल्ली। खरीफ फसलों का सीजन चल रहा है। इस समय देश के हर कोने में धान की बुआई-रोपाई चालू है। भारत चावल के मामले में दुनिया के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। भारत इस आवश्यक फसल की खेती के लिए कई राज्यों पर निर्भर है। यहाँ, हम आपको उन टॉप 7 राज्यों के बारे में बता रहे हैं जो भारत के चावल उत्पादन (India Rice Production) में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाने जाते हैं।
1. पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल भारत के सबसे बड़े चावल उत्पादक राज्य (Rice Producing States) के रूप में सबसे ऊपर है। यहाँ सालाना लगभग 15 मिलियन मीट्रिक टन चावल का उत्पादन होता है। अपनी गर्म, आर्द्र गर्मियों और जून से सितंबर तक चलने वाले बरसाती मौसम के साथ, यह राज्य अमन, बोरो और औस जैसी विभिन्न प्रकार की चावल की किस्मों की खेती के लिए प्रसिद्ध है।
2. उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और बरसात का मौसम होता है। यहाँ के किसान लंबे दाने वाले और छोटे दाने वाले, दोनों प्रकार के चावल उगाते हैं। उत्तर प्रदेश सालाना लगभग 14 मिलियन मीट्रिक टन चावल का उत्पादन करता है, जो भारत के चावल उत्पादन (Kharif Crops) में एक प्रमुख भूमिका निभाता है।
3. पंजाब
पंजाब की जलवायु अर्ध-शुष्क से लेकर उपोष्णकटिबंधीय तक भिन्न-भिन्न है। यह उच्च गुणवत्ता वाले बासमती चावल की खेती के लिए जाना जाता है, जो अपनी सुगंध और लंबे दानों के लिए प्रसिद्ध है। पंजाब में हर साल लगभग 12 मिलियन मीट्रिक टन चावल का उत्पादन (Paddy Sowing) होता है।
आंध्र प्रदेश
अपनी उष्णकटिबंधीय ग्रीष्मकाल और मानसूनी मौसम वाली जलवायु के कारण, आंध्र प्रदेश भारत में चावल का एक महत्वपूर्ण उत्पादक राज्य है। यहाँ विभिन्न प्रकार के चावल उगाए जाते हैं और देश के चावल उत्पादन में सालाना लगभग 11 मिलियन मीट्रिक टन का योगदान होता है।
तेलंगाना
तेलंगाना की जलवायु अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय है, जहाँ ग्रीष्मकाल गर्म और मानसूनी होता है। राज्य हर साल लगभग 75 लाख मीट्रिक टन चावल का उत्पादन करता है, और बेहतर जल प्रबंधन तकनीकों के माध्यम से चावल की उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है।
बिहार
बिहार की जलवायु में गर्म ग्रीष्मकाल और मानसून का मौसम होता है, जो सुगंधित चावल की किस्मों की खेती के लिए आदर्श है। यहाँ सालाना लगभग 70 लाख मीट्रिक टन चावल का उत्पादन होता है, जो कृषि पद्धतियों में सुधार के निरंतर प्रयासों के साथ भारत के चावल उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
तमिलनाडु
तमिलनाडु के विभिन्न क्षेत्रों में विविध जलवायु पाई जाती है, जहाँ जून से सितंबर तक भीषण गर्मी और मानसून का मौसम रहता है। राज्य में हर साल लगभग 50 लाख मीट्रिक टन चावल की खेती होती है, जिसमें विभिन्न कृषि भूमि पर सांबा, पोन्नी और बासमती जैसी किस्में शामिल हैं।
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