ई-कॉमर्स के नियमों से घबराया US, भारतीय एक्सपोर्ट पर टैक्स छूट को खत्म करने पर कर रहा विचार: रिपोर्ट
अगर अमेरिका करीब 2,000 भारतीय प्रॉडक्ट्स के ड्यूटी फ्री एक्सेस को खत्म करता है, तो इसका सबसे ज्यादा असर छोटे कारोबारियों पर होगा।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। ई-कॉमर्स के नए नियमों के जवाब में अमेरिका, भारत को भारी झटका दे सकता है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उस व्यापारिक छूट को खत्म कर सकते हैं, जिसके तहत अमेरिका को होने वाले 5.6 अरब डॉलर के भारतीय निर्यात पर कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है।
जेनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रिफरेंसेज (जीएसपी) को वापस लेने से भारत के निर्यात पर बड़ा असर पड़ेगा। यह योजना अमेरिका में 1970 से लागू है, जिसका फायदा भारत को मिलता रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही अमेरिका दुनिया के अन्य देशों के साथ अपने व्यापारिक घाटा का हवाला देते हुए टैक्स लगाता रहा है। चीन के कई उत्पादों पर ट्रंप ने इसी नीति का हवाला देते हुए टैक्स लगाए हैं, जिसके बाद जवाबी पलटवार करते हुए चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर टैक्स लगाए जाने की घोषणा की। उन्होंने इसी सिलसिले में कई बार भारत का भी जिक्र किया।
ट्रंप ''मेक अमेरिका ग्रेट अगेन'' का नारा देते रहे हैं, ताकि स्थानीय स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जा सके। एजेंसी के मुताबिक भारत में ई-कॉमर्स के नए नियमों के लागू होने के बाद अमेरिका भारत को दिए जा रहे व्यापारिक छूट को समाप्त करने के बारे में सोच रहा है।
गौरतलब है कि नए बदलावों के मुताबिक अब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उन कंपनियों के प्रॉडक्ट नहीं बेच पाएंगे, जिनमें उनकी हिस्सेदारी है। इसके अलावा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अब किसी प्रॉडक्ट विशेष की एक्सक्लूसिव सेल भी नहीं होगी।
इन नए नियमों की वजह ई-कॉमर्स सेक्टर की दिग्गज कंपनियों को बड़ा झटका लगा है और एमेजॉन को अपनी पैंट्री सेवा तक को बंद करना पड़ा।
भारत में तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स सेक्टर में दो बड़ी अमेरिकी कंपनियां काम कर रही है। एमेजॉन के अलावा वॉलमार्ट ने हाल ही में फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण किया है। भारत का ऑनलाइन बाजार 2027 तक 20 अरब डॉलर का होने की उम्मीद है।
सूत्रों के मुताबिक अगर अमेरिका करीब 2,000 भारतीय प्रॉडक्ट्स के ड्यूटी फ्री एक्सेस को खत्म करता है, तो इसका सबसे ज्यादा असर छोटे कारोबारियों पर होगा।
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