अब AI क्षेत्र में रिलायंस की नजर, Reliance और NVIDIA ने मिलाया हाथ, भारत में बनाएंगे एआई सुपर कंप्यूटर
मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो ने आज भारत में AI सुपरकंप्यूटर बनाने के लिए अमेरिकी तकनीकी फर्म NVIDIA के साथ साझेदारी की। भारत में एनवीडिया 2004 से है और वर्तमान में इसके 3800 से अधिक कर्मचारियों के साथ गुरुग्राम हैदराबाद पुणे और बेंगलुरु में चार तकनीकी विकास केंद्र हैं। जानिए एनवीडिया और जियो कैसे करेंगे लोगों की मदद पढ़िए क्या है पूरी खबर।
नई दिल्ली, एजेंसी: अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्री की टेलीकॉम कंपनी रिलांयस जियो ने यूएस की टेक कंपनी एनवीडिया (NVIDIA) ने आज भारत में AI सुपर कंप्यूटर बनाने के लिए हाथ मिलाया है।
भारत में एनवीडिया ने साल 2004 में शुरुआत की थी और अब एनवीडिया के पास गुरुग्राम, हैदराबाद, पुणे और बेंगलुरु में चार इंजीनियरिंग विकास केंद्र हैं जिसमें 3,800 से अधिक कर्मचारी है।
एनवीडिया कैसे करेगा मदद?
NVIDIA सबसे एडवांस GH200 ग्रेस हॉपर सुपरचिप (GH200 Grace Hopper Superchip) और DGX क्लाउड से मदद करेगा। कंप्यूटिंग की दुनिया में GH200 असाधारण प्रदर्शन और विशाल मेमोरी बैंडविड्थ प्रदान करता है।
AI कैसे करेगा मदद?
एआई ग्रामीण किसानों को मौसम की जानकारी और फसल की कीमतें जानने के लिए उनके लोकल भाषा में फोन के जरिए बातचीत करने में मदद कर सकता है।
यह बड़े पैमाने पर चिकित्सा लक्षणों के विशेषज्ञ निदान और इमेजिंग स्कैन प्रदान करने में मदद कर सकता है जहां डॉक्टर तुरंत उपलब्ध नहीं हो सकते हैं।
इस समझौते है खुश- एनवीडिया
एनवीडिया के सीईओ और अध्यक्ष जेन्सेन हुआंग ने कहा कि रिलायंस के साथ पार्टनरशिप कर AI सुपर कंप्यूटर बनाने को लेकर काफी खुश हैं।
हुआंग ने कहा कि
भारत के पास स्केल, डेटा और प्रतिभा है। सबसे एडवांस एआई कंप्यूटिंग बुनियादी ढांचे के साथ, रिलायंस अपने स्वयं के बड़े भाषा मॉडल का निर्माण कर सकता है जो भारत के लोगों के लिए भारत में बने जेनरेटर एआई अनुप्रयोगों को शक्ति प्रदान करेगा।
मुकेश अंबानी ने कहा कि
जैसे-जैसे भारत डेटा प्रसार के देश से व्यापक और त्वरित विकास के लिए प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे के निर्माण की ओर आगे बढ़ रहा है, वैसे ही कंप्यूटिंग और प्रौद्योगिकी सुपर सेंटर, जिसकी हम NVIDIA के साथ परिकल्पना करते हैं, वैसे ही उत्प्रेरक विकास प्रदान करेगा जैसे जियो ने हमारे देश के डिजिटल मार्च के लिए किया था।
हाल ही में रिलायंस के एजीएम में चेयरमैन मुकेश अंबानी ने हर भारतीय तक आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस पहुंचाने को कहा था जिसके बाद यह डील निश्चित तौर पर उस दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
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