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    RBI MPC Meeting हुई शुरू, क्या आम आदमी को मिलेगी राहत; कितना घट सकता है Repo Rate ?

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 11:46 AM (IST)

    3 दिसंबर बुधवार से रिजर्व बैंक की मौद्रिक समिति (RBI MPC Meeting) की बैठक शुरू हो चुकी है। ये बैठक 5 दिसंबर तक चलने वाली है। इस बैठक के दौरान महत्वपूर ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। आज से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक समिति की बैठक शुरू हो चुकी है। इस बैठक के दौरान वित्तीय संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे। इसके साथ ही ये तय किया जाएगा कि रेपो रेट में कोई बदलाव करना है या नहीं। 

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    रेपो रेट का सीधा असर आपके लोन की ईएमआई पर पड़ता है। इससे पहले दो बार (अगस्त और अक्टूबर) में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था। अगस्त और अक्टूबर में रेपो रेट को 5.50 फीसदी पर बरकरार रखा गया। 

    अब सवाल है कि क्या आरबीआई इस बार रेपो रेट में कटौती करेगा या नहीं?

    RBI Repo Rate: क्या कटौती होगी या नहीं?

    कई रिपोर्ट और विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार हो रही बैठक में आरबीआई रेपो रेट में कटौती कर सकता है। माना जा रहा है कि इस बार रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो रेपो रेट 5.25 फीसदी हो जाएगा। हालांकि इस बात की पुष्टि 5 दिसंबर होगी। 

    कब-कब कितना रहा Repo Rate?

    तारीख रेपो रेट बदलाव
    7 फरवरी 6.25% -0.25%
    9 अप्रैल 6.00% -0.25%
    6 जून 5.50% -0.50%
    अगस्त 5.50% कोई बदलाव नहीं
    1 अक्टूबर 5.50% कोई बदलाव नहीं

    (सोर्स- बैंक बाजार)

    यह भी पढ़ें:-Repo Rate Cut होने से ₹30 लाख, ₹50 लाख और ₹70 लाख होम लोन पर कितनी कम होगी आपकी EMI, देखें कैलकुलेशन

    क्या होता है Repo Rate?

    देश की केंद्रीय बैंक, एक साल में हर दो महीने बाद मौद्रिक समिति की बैठक आयोजित करती है। इस बैठक के दौरान रेपो रेट और अन्य वित्तीय संबंधित निर्णय लिए जाते हैं। रेपो रेट वो दर है, जिसके आधार पर वाणिज्यिक बैंक आरबीआई से लोन लेते हैं। हालांकि रेपो रेट के आधार पर बैंक आरबीआई से शॉर्ट टर्म लोन ही ले पाते हैं।

    अब ये समझते हैं कि ये आप कैसे असर करेगा?

    Repo Rate Cut क्या करेगा असर?

    • अगर रेपो रेट में कटौती होती है, तो बैंकों को लोन कम ब्याज पर मिलेगा। फिर आपको भी कम ब्याज पर लोन उपलब्ध कराया जाएगा।

    • ऐसी ही अगर रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है, तो बैंक को लोन लेना महंगा पड़ेगा। इससे आपका भी लोन ब्याज दर बढ़ जाएगा। ब्याज दर बढ़ने से आपकी ईएमआई भी महंगी हो जाएगी।

    • हालांकि ये बैंकों पर भी निर्भर करता है कि रेपो रेट में कटौती के बाद वे फिक्स्ड ब्याज दर कम करना चाहते हैं या नहीं।

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