Digital Currency से क्या होंगे फायदे और नुकसान, RBI इस पर कर रही विचार
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अपनी वर्चुअल करेंसी शुरू करने पर विचार कर रही है। देश में वर्चुअल करेंसी लागू करने के बाद क्या-क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं इस पर आरबीआइ बहुत ही गंभीरता से विचार कर रही है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। आरबीआइ (Reserve Bank of India) अपनी डिजिटल करेंसी को देश में शुरू करने पर विचाराधीन है। आरबीआइ ने शुक्रवार को कहा कि वह देश में वर्चुअल करेंसी की शुरुआत के फायदे और नुकसान पर विचार कर रही है। केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने के लिए एक श्रेणीबद्ध दृष्टिकोण अपनाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 का बजट पेश करते हुए घोषणा की थी कि केंद्रीय बैंक एक भारतीय डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगी। केंद्रीय बजट 2022-23 में CBDC (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) की शुरुआत की घोषणा की गई थी।
आपको बता दें कि 1 फरवरी को बजट की घोषणा के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि रिजर्व बैंक इसमें जल्दबाजी नहीं करना चाहती है। सीबीडीसी (Central Bank Digital Currency) की शुरुआत से पहले सभी पहलुओं की सावधानीपूर्वक जांच की जा रही है।
इसके लिए आरबीआइ अधिनियम 1934 में एक उपयुक्त संशोधन को वित्त विधेयक 2022 में शामिल किया गया है। RBI ने 2021-22 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट में ये जानकारी दी। वित्त विधेयक 2022 को अधिनियमित किया गया है, जो सीबीडीसी के शुभारंभ के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करता है।
रिजर्व बैंक भारत में एक केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी की शुरुआत में लगा हुआ है। सीबीडीसी के डिजाइन को मौद्रिक नीति, वित्तीय स्थिरता और मुद्रा और भुगतान प्रणालियों के कुशल संचालन के घोषित उद्देश्यों के अनुरूप होना चाहिए। यह रिपोर्ट में कहा गया।
रिजर्व बैंक भारत में सीबीडीसी की शुरूआत के प्रॉस और कॉन्स को देख रहा है। इसको शुरू करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। लॉन्च के चरणों के माध्यम से कदम से कदम मिलाकर चल रहा है।
आरबीआई ने कहा कि सीबीडीसी का डिजाइन मौद्रिक नीति, वित्तीय स्थिरता के घोषित उद्देश्यों और मुद्रा और भुगतान प्रणालियों के कुशल संचालन के अनुरूप होना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि सीबीडीसी के उपयुक्त डिजाइन तत्व जिन्हें बहुत कम या बिना किसी व्यवधान के लागू किया जा सकता है, उसकी जांच की जा रही है।