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    RBI ने BOB, IOB और सिटीबैंक पर लगाया जुर्माना; PNB-AXIS पर भी हो चुकी है कार्रवाई, यह है वजह

    By Jagran NewsEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Fri, 24 Nov 2023 08:16 PM (IST)

    बैंकों एनबीएफसी और सहकारी बैंकों के खिलाफ आरबीआइ का अभियान फुल स्पीड में चल रहा है। आरबीआई नियमों में ढिलाई करने वाले बैंकों पर कार्रवाई करने में कोई ढिलाई नहीं बरत रहा है। शुक्रवार को उसने बैंक ऑफ बड़ौदा इंडियन ओवरसीज बैंक और सिटीबैंक पर जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही आरबीआई ने अभ्युदय सहकारी बैंक का निदेशक बोर्ड भी निरस्त कर दिया है।

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    आरबीआई ने नवंबर में करीब डेढ़ दर्जन सहकारी बैंकों पर लगाया जुर्माना (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आरबीआइ बैंकिंग से जुड़े नियमों को लेकर किसी भी तरह की ढिलाई को तैयार नहीं है। यही कारण है कि आरबीआइ बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों समेत तमाम तरह के वित्तीय संस्थानों पर सख्ती बरत रहा है।

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    आरबीआई ने कई बैंकों पर लगाया जुर्माना

    आरबीआई ने शुक्रवार को एक साथ बैंक ऑफ बड़ौदा, सिटीबैंक और इंडियन ओवरसीज पर एक साथ आर्थिक जुर्माना लगाया। मुंबई के एक प्रमुख सहकारी बैंक अभ्युदय सहकारी बैंक के निदेशक बोर्ड को निरस्त किया। सिर्फ नवंबर में अभी तक डेढ़ दर्जन से ज्यादा सहकारी बैंकों समेत पीएनबी, बैंक आफ बड़ौदा व फेडरल बैंक जैसे बड़े बैंकों और बजाज फाइनेंस जैसी बड़ी एनबीएफसी पर कार्रवाई कर चुका है।

    हालात यह है कि इस महीने चार एनबीएफसी और दो हाउसिंग फाइनेंस से जुड़ी कंपनियां अपना लाइसेंस आरबीआइ को सौंप चुकी हैं, जबकि दो एनबीएफसी के लाइसेंस रद किए जा चुके हैं। इसके अलावा असुरक्षित खुदरा लोन को लेकर जो नए नियम बनाए गए हैं, वह भी आरबीआइ के बदले तेवर को दिखाता है।

    आरबीआई क्यों दिखा रहा ज्यादा सख्ती?

    बैंकिंग क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि जब भारत तेजी से एक विकसित देश बनने की तरफ अग्रसर है, तब देश के बैंकिंग व वित्तीय क्षेत्र के आधारभूत तत्वों को मजबूत बनाने के लिए सख्त माहौल जरूरी है। आरबीआइ इस मंशा से ही ज्यादा सख्ती दिखा रहा है।

    आरबीआइ ने शुक्रवार को सिटी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन ओवरसीज बैंक पर नियमों के उल्लंघन पर कुल 10.34 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। सिटी बैंक पर जमाकर्ता को शिक्षित करने, जागरूकता फंड योजना और वित्तीय सेवाएं की आउटसोर्सिंग से जुड़े नियमों का पालन नहीं करने पर सबसे ज्यादा पांच करोड़ का जुर्माना लगाया गया है।

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    बैंकों पर करोड़ों रुपये का जुर्माना

    बैंक आफ बड़ौदा पर सेट्रल रिपाजिटरी संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर 4.34 करोड़ का जुर्माना लगा है। इंडियन ओवरसीज बैंक पर कर्ज और अग्रिम से जुड़े नियमों के उल्लंघन पर एक करोड़ का जुर्माना लगाया गया है।

    पांच सहकारी बैंकों पर लगा अर्थदंड

    इससे पहले गुरुवार को गुजरात के पांच सहकारी बैंकों पर अर्थदंड लगाया गया था। 20 नवंबर को एक साथ छह सहकारी बैंकों पर अर्थदंड लगाया गया था। इसके अलावा कई सहकारी बैंकों पर दूसरे तरह के नियमों के पालन नहीं करने का भी दोषी पाया गया है और उन पर कार्रवाई की गई है।

    इस दौरान बजाज फाइनेंस और एक्सिस बैंक को भी नियमों का पालन नहीं करने पर 90.92 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया गया। इसके एक दिन पहले बजाज फाइनेंस जैसी बड़ी एनबीएफसी को उसकी दो सेवाओं इकाम और इंस्टा ईएमआइ कार्ड को बंद करने का आदेश दिया गया था।

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    सहकारी बैंकों और एनबीएफसी पर ज्यादा सख्ती

    सहकारी बैंकों और एनबीएफसी पर ज्यादा सख्तीआरबीआइ के डाटा से पता चलता है कि सहकारी बैंकों और एनबीएफसी पर ज्यादा सख्ती हो रही है। जानकार बताते हैं कि इसका मतलब यह है कि इन दोनों वर्ग के वित्तीय संस्थान केंद्रीय बैंक के नियमों के पालन को लेकर अभी तक ज्यादा गंभीर नहीं है।

    पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक से जुड़ा घोटाला सामने आने के बाद सहकारी बैंकों को लेकर आरबीआइ लगातार नियमों को तकरीबन उसी तरह से लागू कर रहा है, जैसे वाणिज्यिक बैंकों के लिए होता है। इन नियमों को पालन करने में इन बैंकों को समस्या आ रही है जिसकी वजह से उन पर दंड लगाया जा रहा है या फिर कई मामलों में ये सहकारी बैंक या एनबीएफसी स्वयं ही अपना कारोबार बंद करने का फैसला कर रहे हैं।

    10 नवंबर को आरबीआइ ने दो एनबीएफसी को बंद करने का निर्देश दिया। इससे साफ है कि नियमों का पालन नहीं करने वाले संस्थानों को प्रणाली से बाहर किया जा रहा है।

     

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