ICICI Bank और Kotak Mahindra Bank को नियमों का उल्लंघन करना पड़ा भारी, RBI ने लगाया भारी जुर्माना
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को कहा कि उसने कुछ नियामक मानदंडों का पालन न करने पर ICICI Bank और Kotak Mahindra Bank पर भारी जुर्माना लगाया है। RBI ने आईसीआईसीआई बैंक पर 12.19 करोड़ रुपये और कोटक महिंद्रा बैंक पर 3.95 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने कहा है कि दोनों मामलों में जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को कहा कि उसने कुछ नियामक मानदंडों का पालन न करने पर ICICI Bank और Kotak Mahindra Bank पर भारी जुर्माना लगाया है। दोनों बैंको को लेकर आरबीआई ने कहा कि जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर प्रभाव डालना नहीं है।
The Reserve Bank of India (RBI) imposed a monetary penalty of Rs 12.19 crore on ICICI Bank Ltd. for contravention and non-compliance with the RBI directions on ‘Frauds classification and reporting by commercial banks and select Fls’: RBI pic.twitter.com/nZeI174wrW
— ANI (@ANI) October 17, 2023
ICICI Bank और Kotak Mahindra Bank पर लगा जुर्माना
RBI ने आईसीआईसीआई बैंक पर 12.19 करोड़ रुपये और कोटक महिंद्रा बैंक पर 3.95 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। निजी क्षेत्र के ऋणदाता आईसीआईसीआई बैंक पर जुर्माना ऋण और अग्रिम-वैधानिक और अन्य प्रतिबंध व कमर्शियल बैंकों और चुनिंदा एफएलएस द्वारा धोखाधड़ी वर्गीकरण और रिपोर्टिंग से संबंधित मानदंडों के उल्लंघन के लिए लगाया गया है।
The Reserve Bank of India (RBI) imposed a monetary penalty of Rs 3.95 crore on Kotak Mahindra Bank Limited for non-compliance with RBI directions: RBI pic.twitter.com/ngFQrOzhb9
— ANI (@ANI) October 17, 2023
RBI ने क्या कहा?
इसके अलावा एक अन्य बयान में आरबीआई ने कहा कि कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड पर जुर्माना बैंकों द्वारा वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग में जोखिम प्रबंधन और आचार संहिता, बैंकों द्वारा नियुक्त रिकवरी एजेंट और ग्राहक सेवा से संबंधित निर्देशों के उल्लंघन के लिए लगाया गया है। आरबीआई ने कहा है कि दोनों मामलों में जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर प्रभाव डालना नहीं है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।