Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आरबीआई ने कैंसिल किया इस बैंक का लाइसेंस, केवल पांच लाख रुपये का दावा कर सकेंगे जमाकर्ता

    आरबीआई (RBI) ने सख्त कदम उठाते हुए लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद कर दिया है। बैंक ने कहा है कि लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की हालत काफी खराब है और यह नियमों का पालन नहीं करता।

    By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Thu, 22 Sep 2022 08:02 PM (IST)
    Hero Image
    RBI Cancelled Laxmi Co-operative Bank Limited License, Depositors Can Claim Up To Rs 5 Lakh

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आरबीआई (RBI) ने सोलापुर, महाराष्ट्र के लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (Laxmi Co-operative Bank Limited) को 'बैंकिंग' कारोबार करने से रोक दिया है। इसमें नई जमाएं लेने और तत्काल प्रभाव से जमा की चुकौती शामिल है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस भी रद्द कर दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अपने आदेश में आरबीआई ने कहा है कि सोलापुर स्थित इस बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं और यह नियमों का पालन नहीं करता है। यह आदेश आज से ही प्रभावी हो जाएगा।

    आरबीआई ने अपने बयान में कहा है कि लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड को तत्काल प्रभाव से बैंकिंग रेगुलराइजेशन अधिनियम, 1949 के तहत कारोबार करने से रोका जा रहा है। इसके साथ ही आरबीआई ने महाराष्ट्र के सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का आदेश जारी करने के लिए कहा।

    क्यों रद हुआ बैंक का लाइसेंस

    आरबीआई ने कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। इस प्रकार, यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ धारा 11(1) और धारा 22 (3)(डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है। ऐसे में बैंक का बने रहना जमाकर्ताओं के लिए ठीक नहीं है। आरबीआई ने कहा है कि बैंक अपनी खराब वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पैसे देने के काबिल नहीं रह जाएगा। ऐसे में यदि बैंक को बैंकिंग व्यवसाय करने की अनुमति दी जाती है तो जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

    क्या होगा जमाकर्ताओं के पैसे का

    डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से पांच लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा। बैंक द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, लगभग 99% जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं। 13 सितंबर, 2022 तक डीआईसीजीसी ने बैंक में पैसा जमा करने वालों से प्राप्त आवेदन के आधार पर 193.68 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है।

    ये भी पढ़ें- 

    WTO में भारत का मजबूत स्टैंड, गेहूं और चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का किया बचाव

    Interest Rate Hike का अर्थव्यवस्था पर कितना हो रहा है असर, महंगाई के मोर्चे पर क्या हैं जमीनी हालात