RBI ने IDFC को IDFC First बैंक से बाहर निकलने की दी अनुमति, 5 साल की लॉक-इन अवधि समाप्त
आरबीआई के नियम कहते हैं कि गैर-ऑपरेटिव वित्तीय होल्डिंग कंपनी जो बैंक की प्रमोटर है उसकी शेयरधारिता बैंक की चुकता वोटिंग इक्विटी पूंजी का कम से कम 40 फीसद होनी चाहिए यह बैंक के बिजनेस शुरू होने की तारीख से 5 साल की अवधि के लिए लॉक हो जाएगी।

नई दिल्ली, आइएएनएस। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने IDFC को IDFC First Bank से बाहर निकलने की अनुमति दे दी है। IDFC के मुताबिक, आरबीआई ने 20 जुलाई को स्पष्ट किया कि 5 साल की लॉक-इन अवधि समाप्त होने के बाद, IDFC लिमिटेड आईडीएफसी फस्र्ट बैंक लिमिटेड के प्रमोटर के रूप में बाहर निकल सकता है। बीएसई को दी गई एक नियामक फाइलिंग में उसने यह जानकारी दी।
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मालूम हो कि आरबीआई के नियम कहते हैं कि गैर-ऑपरेटिव वित्तीय होल्डिंग कंपनी, जो बैंक की प्रमोटर है उसकी शेयरधारिता बैंक की चुकता वोटिंग इक्विटी पूंजी का कम से कम 40 फीसद होनी चाहिए, यह बैंक के बिजनेस शुरू होने की तारीख से 5 साल की अवधि के लिए लॉक हो जाएगी।
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कंपनी अब आईडीएफसी फस्र्ट बैंक के प्रमोटर के रूप में बाहर निकल सकती है, क्योंकि पांच साल की लॉक-इन अवधि समाप्त हो गई है।
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उल्लेखनीय है कि IDFC First Bank को आरबीआई की ओर से 2014 में बंधन बैंक के साथ लाइसेंस दिया गया था। फिर साल 2018 में आईडीएफसी बैंक लिमिटेड और कैपिटल फस्र्ट लिमिटेड की ओर से बताया गया कि उन्होंने आईडीएफसी फस्र्ट बैंक बनने के लिए विलय कर लिया है।
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लॉक-इन अवधि के बाद, RBI ने आईडीएफसी फस्र्ट बैंक के प्रमोटर के रूप में IDFC को वापस लेने की इजाजत दी है।
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